जानिए एबॉर्शन के बाद क्या होता है उस अजन्मे बच्चे का जिसे मार दिया जाता है, जानकर रूह कांप जाएगी आपकी
एक माँ बनना हर महिला का सपना होता है। लेकिन जरा सोचिये जब किसी प्रेग्नेंट महिला को यूँ ही कह दिया जाता है की बच्चा गिरा दो या अबो्र्ट कर दो उस महिला पर क्या बीतती होगी। लोग सिर्फ इस वजह से अक्सर बच्चा गिरा देते हैं की वो लड़की है या फिर अभी बच्चा नहीं चाहिए बोलकर अजन्मे बच्चे से अपना पीछा तो छुड़ा लेते हैं लेकिन इस बारे में कोई नहीं सोचता की आखिर उस माँ और उस बच्चे पर क्या गुजरती है जिसे इस दुनिया में आने से पहले ही ख़त्म कर दिया जाता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं की एक एबॉर्शन की प्रक्रिया के दौरान एक महिला को कितने कष्ट से होकर गुजरना पड़ता है और साथ ही उस अजन्मे बच्चे का क्या होता है इसके बारे में भी बताएंगे।
इस महिले ने आगे बताया की बहुत से लोग ये मानते हैं की बच्चे जब माँ की गर्भ में आता है तो उसकी धड़कन कुछ हफ़्तों के बाद विकसित होती है जबकि ये बात बिल्कुल गलत है। एक बच्चे के गर्भ में आने के साथ ही सबसे पहले उसकी धड़कन विकसित होता है जिससे की उसके शरीर में ब्लड का फ्लो बना रहता है।
आपको बता दें की फिलिसिया नाम की इस महिला ने फेसबुक पोस्ट के जरिये बताया है की उसने हाल ही में अपने साढ़े तीन महीने के बेटे को खोया है। एक दुर्घटना की शिकार हुई इस महिला ने बताया की वो 14 हफ़्तों की प्रेग्नेंट औरत थी लेकिन एक दुर्घटना ने उससे उसका बच्चा छीन लिया। इनकी माने तो अबो्र्ट हुए बच्चे के शरीर का लगभग ही अंग विकसित हो चूका था यहाँ तक की उसके नाख़ून भी आने शुरू हो चुके थे। वो लोग जो इस बात को गलत मानते है की की सिर्फ तीन महीने में अच्छे का विकास नहीं होता वो इ जाना लें की माँ के गर्भ में आने के पहले दिन से ही बच्चे के शरीर का विकास होना शुरू हो जाता है। महिलाओं के गर्भधारण के महज सोलह दिनों के अंदर ही बच्चे की धड़कन विकसित हो जाती है जिसे आप सोनोग्राफी के जरिये सुन भी सकते हैं। इसके अलावा महज 6 हफ़्तों में ही बच्चे के कान आँख और अन्य अंग भी विकसित होने शुरू हो जाते हैं।