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जानिए कैसे होगा परमानेंट कमीशन में महिलाओं का सेलेक्शन

आज वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बीएस धनोआ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वायुसेना ने अपना टारगेट सेट किया और उसी के मुताबिक एयरस्ट्राइक हुई. उन्होंने कहा कि कितने आतंकी मारे गए हैं ये गिनना वायुसेना का काम नहीं है. धनोआ ने कहा कि वायुसेना को सिर्फ टारगेट मिलता है जिसे हम हिट करते हैं.

इसी के साथ धनोआ ने वायुसेना में महिलाओं के लिए परमानेंट कमीशन यानी स्थाई कमीशन के बारे में चर्चा की. आपको बता दें,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सेना में काम रही महिलाओं को तोहफा देते महिलाओं के लिए स्थाई कमीशन की घोषणा की थी, जिसके माध्यम से महिलाएं भी पुरुषों की तरह ही देश के लिए सेवा कर सकेंगी. उन्होंने शॉर्ट सर्विस कमीशन से चयनित होने वाली महिलाओं के लिए ये घोषणा की है, जिसकी वजह से महिलाएं ज्यादा समय तक सेना में काम कर सकेंगी.

बता दें, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कहा स्थायी कमीशन नियम महिला ऑफिसर के लिए सरकार की ओर से प्रस्ताव लाया गया है. वहीं वायुसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन दो बातों पर निर्भर करता है पहला- वैकेंसी की संख्या और दूसरा- मेरिट. उन्होंने कहा वायुसेना के साथ सभी सेना में महिलाओं की भर्ती के लिए कोई पाबंदी नहीं है. स्थायी कमीशन के लिए चयन होने से पहले महिला ऑफिसर ने 13 साल तक वायुसेना में अपनी सेवा दी हो. जिसके बाद उनका चयन स्थाई कमीशन लागू किया जाएगा. बता दें, महिलाएं शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत एयरफोर्स में नियुक्त की जाती है.

क्या होगा फायदा

महिलाओं के लिए स्थाई कमीशन लागू होने की वजह से महिला उम्मीदवार ज्यादा वक्त तक सेना में काम कर सकेंगी और उन्हें कई अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी. स्थाई कमीशन से महिलाएं 20 साल तक काम कर सकेंगी और इसे बढ़ाया भी जा सकता है. वहीं बीएस धनोआ  ने कहा “अगर महिलाएं चाहती हैं तो वह स्थायी कमीशन तहत काम कर सकती है. क्योंकि सेना में वह शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत काम करती हैं.

पहले क्या थे नियम

इससे पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन के अधिकारी 10 साल की सर्विस के बाद स्थाई कमीशन के लिए योग्य होते हैं, लेकिन उनका एनुएल रिपोर्ट में ट्रैक अच्छा होना चाहिए. वहीं स्थाई कमीशन के आधिकारी शॉर्ट सर्विस कमीशन में शिफ्ट नहीं हो सकते हैं. अगर कोई जाना चाहता है तो उसे रिटायरमेंट लेना होगा.

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