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जानिए वेस्टइंडिज के खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल की आंखों के नीचे क्यों लगी होती है काली पट्टी

क्रिकेट जगत में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं जिनके खेलने के तरीके भी बहुत ही अलग है. कुछ अपने बेहतरीन बल्लेबाजी की वजह से दुनिया में प्रसिद्ध हैं तो कोई अपनी धारदार गेंदबाजी की वजह से. हर खिलाड़ी की अपनी कोई खूबी होती है जिस वजह से लोग उन्हें देखना और खेलना पसंद करते हैं. बहुत सारे ऐसे खिलाड़ी भी मौजूद हैं जिन्हें बहुत ही ज्यादा स्टाइलिस प्लेयरों में गिना जाता है. आज हम बात करेंगे वेस्टइंडिज के महान खिलाड़ी शिवनरायण चंद्रपॉल के बारे में जो एक बेहतरीन खिलाड़ी के साथ-साथ अच्छे इंसान भी हैं.

चंद्रपॉल टेस्ट क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक माने जाते रहे हैं. उनकी बैटिंग करने की स्टाइल से लेकर उनके खेलने के तरीके के बहुत सारे लोग दिवाने हैं. वो जब भी क्रिकेट खेलने आते थे तो वो अपनी आंखों के नीचे काली पट्टी लगी रहती थी. इसके साथ ही चंद्रपॉल के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है कि वो भारतीय मूल के हैं और उनके पूर्वज साल 1873 में जाकर गुयाना में जाकर बस गए थे.

चंद्रपॉल जब भी क्रिकेट के मैदान पर खेलने के लिए उतरते थे तो उनके शरीर पर काफी ज्यादा स्टिकर लगे होते थे. लोगों के ये देखकर काफी ज्यादा हैरानी होती थी कि आखिर चंद्रपॉल इतने सारे स्टिकर लगाकर रखते हैं. बहुत सारे खिलाड़ी अपने चेहरे पर अपने देश के झंडे को लगाकर रखते थे लेकिन चंद्रपॉल ऐसा नहीं करते थे बल्कि वो काली पट्टी लगाकर रखते थे.

अब इसके बारे में पता चल गया है कि वो आखिर काली पट्टी क्यों लगाकर रखते हैं. दरअसल खेलने के वक्त सूरज की रौशनी सीधा उनके चेहरे पर ना पड़े इसलिए वो काली पट्टी अपनी आंखों के नीचे लगाकर रखते थे. इस तरह की स्टिकर सूरज की किरणों से निकलने वाली खतरनाक रेडिएशन से बचाती है और यही कारण है कि चंद्रपॉल काली पट्टी लगाते थे.

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