
Republic Day: 26 जनवरी के दिन का इंतजार गणतंत्र दिवस परेड के लिए भी रहता है. इस दिन राजपथ पर भारतीय सेना अपना शक्ति प्रदर्शन करती है और सभी राज्यों की सांस्कृतिक झलक भी देखने को मिलती है. लेकिन क्या आप जानते हैं 26 जनवरी के दिन राजपथ पर होने वाले इस कार्यक्रम में सिर्फ परेड ही नहीं होती है, बल्कि कई अन्य औपरचारिकताएं होती हैं. आइए जानते हैं इस दिन क्या-क्या होता है…
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के समीप रायसीना पहाड़ी से राजपथ पर गुजरते हुए इंडिया गेट तक और बाद में ऐतिहासिक लाल किले तक शानदार परेड का आयोजन किया जाता है. यह आयोजन भारत के प्रधानमंत्री की ओर से इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करने के साथ शुरू करवाया जाता है.
फिर होती है 21 तोपों की सलामी
प्रधानमंत्री के पुष्प अर्पित करने के बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है और भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और और राष्ट्रीय गान होता है.
फिर परेड होती है शुरू
इसके बाद परेड शुरू होती है. साथ ही महामहिम राष्ट्रपति के साथ एक मौजूद विदेशी राष्ट्र प्रमुख आते हैं, जिन्हें आयोजन के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है.
सलामी दी जाती है
उसके बाद राष्ट्रपति के सामने से खुली जीपों में वीर सैनिक गुजरते हैं. भारत के राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बल, के मुख्य कमांडर हैं, विशाल परेड की सलामी लेते हैं. साथ ही भारतीय सेना की ओर से नवीनतम हथियारों और बलों का प्रदर्शन किया जाता है.
बहादुरी पुरस्कार सम्मान समारोह
इसके बाद राष्ट्रपति सशस्त्र सेना के सैनिकों को बहादुरी के पुरस्कार और मेडल देते हैं और उन्हें उनकी वीराता का सम्मान दिया जाता है. इसके बाद सशस्त्र सेना के हेलिकॉप्टर दर्शकों पर गुलाब की पंखुडियों की बारिश करते हुए फ्लाई पास्ट करते हैं.
फिर शुरू होती है सांस्कृतिक परेड
सेना की परेड के बाद रंगारंग सांस्कृतिक परेड होती है. कई राज्यों से आई झांकियों के रूप में भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया जाता है. प्रत्येक राज्य अपने अनोखे त्यौहारों, ऐतिहासिक स्थलों और कला का प्रदर्शन करते है. विभिन्न सरकारी विभागों और भारत सरकार के मंत्रालयों की झांकियां भी राष्ट्र की प्रगति में अपने योगदान प्रस्तुत करती है.
वायु सेना करती है फ्लाई पास्ट
इस परेड में परेड का सर्वाधिक प्रतीक्षित भाग फ्लाई पास्ट है, जो भारतीय वायु सेना द्वारा किया जाता है. फ्लाई पास्ट परेड का अंतिम पड़ाव है, जब भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए मंच पर से गुजरते हैं.