अन्तर्राष्ट्रीय
जापानी वैज्ञानिकों ने खोजे 15 ग्रह, तीन ‘सुपर अर्थ’
विज्ञान लंबे समय से अंतरिक्ष में ऐसे ग्रहों की तलाश में लगा हुआ है जिन पर जीवन संभव हो। खोज के इसी क्रम में जापान के वैज्ञानिकों ने 15 नए ग्रह खोज निकाले हैं, इनमें से तीन को उन्होंने ‘सुपर अर्थ’ कहा है। इन तीन में से एक ग्रह पर पानी होने की भी संभावना जताई जा रही है।
जापान स्थित तोक्यो इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध से इन ग्रहों के बारे में जानकारी मिली है। इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने नासा के कैपलर अंतरिक्ष यान के दूसरे मिशन ‘के-2’, अमेरिका के हवाई स्थित सुबारु टेलिस्कोप और स्पेन स्थित नॉरडिक ऑप्टिकल टेलिस्कोप से जुटाए गए आंकड़ों का अध्ययन किया। इस शोध से खोजे गए सारे 15 ग्रह अपने सौरमंडल से बाहर स्थित हैं। ऐसे ग्रहों को एक्सोप्लैनेट कहा जाता है। ये सभी ग्रह लाल रंग के बौने तारों का चक्कर लगा रहे हैं। लाल तारे आकार में सामान्य तौर पर छोटे और अधिक ठंडे होते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक लाल तारों के अध्ययन से भविष्य में एक्सोप्लैनेट से जुड़ी रोचक जानकारियां मिल सकती हैं। इनके अध्ययन से ब्रह्मांड में मौजूद ग्रहों के विकास संबंधी जानकारियां जुटाई जा सकती हैं। इस शोध में 3 ऐसे ग्रह खोजे गए, जिन्हें सुपर अर्थ कहा जा रहा है। ये ग्रह पृथ्वी से 200 प्रकाश वर्ष दूर स्थित के-2-155 तारे का चक्कर लगा रहे हैं। इनके आकार की बात करें तो ये तीनों ग्रह पृथ्वी से आकार में बड़े हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तारे का चक्कर लगा रहे सबसे बाहरी ग्रह के-2-155 डी पर पानी हो सकता है। इसकी पुष्टि के लिए के-2-155 के आकार और तापमान का सटीक अनुमान लगाना होगा। इस खोज के बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अप्रैल में ट्रांजिटिंग एक्सोप्लैनेट सर्वे सैटलाइट (टी.ई.एस.एस.) लॉन्च करने जा रही है। इस अभियान के तहत और ज्यादा एक्सोप्लैनेट का पता लगाया जाना है।