अन्तर्राष्ट्रीय

जिन देशों ने दर्द दिया, उन्हें भी दवा दे रहा भारत

नई दिल्ली : भारत में आतंक को बढ़ावा देने का आरोपी जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण से मलेशिया ने इनकार कर दिया था। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को ऐंटी-टेरर केस और एनफोर्समेंट डायरेक्‍ट्रेट को मनी-लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में नाइक की तलाश है। नाइक पिछले 4 साल से मलेशिया में रह रहा है। वहां के विदेश मंत्री ने भारत के तमाम दबाव के बावजूद नाइक के प्रत्यर्पण को सिरे से खारिज कर दिया था। कोरोना मुक्त इलाकों में यह छूट 20 अप्रैल से लागू होगी। कटाई और आने वाले दिनों में नए बुआई सीजन के शुरू होने के मद्देनजर खेती-किसानी से जुड़े कामों को खास छूट दी गई है। हालांकि, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटीज को भी शर्तों के साथ सीमित छूट दी गई है। लॉकडाउन 2.0 के दौरान इन गतिविधियों पर छूट रहेगी।
पिछले साल भारत ने संविधान के अनुच्‍छेद 370 हटा दिया। कई देशों ने इस कदम का विरोध किया। यूनाइटेड किंगडम भी उनमें से एक था। लेबर पार्टी ने एक इमर्जेंसी प्रस्ताव पास किया कि इंटरनेशनल ऑब्जर्वर कश्मीर जाएं। भारत ने साफ किया था कि यह उसका घरेलू मसला है। चीन, ईरान, मलेशिया, तुर्की जैसे देशों ने खुले तौर पर इस कदम का विरोध किया। सीएए का विरोध करने वालों में मलेशिया, तुर्की, बांग्लादेश जैसे देश शामिल थे। ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी जैसे देशों में प्रदर्शन हुए। गल्फ कंट्रीज ने खुले तौर पर तो कुछ नहीं कहा, मगर दबी जुबान में इस कदम से नाखुशी जताई। वहीं भारत ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा पैरासिटामॉल भी इन देशों को सप्लाई किया है। एक तरफ जहां भारत दवाओं की सप्लाई कर दूसरे देशों की मदद कर रहा है, वहीं बदले में उसने भी कुछ चीजें मांगी हैं। एन-95 मास्क, वेंटिलेटर्स, पीपीई सूट्स वगैरह मंगाए जा रहे हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, साउथ कोरिया, जापान, चीन, जर्मनी, सिंगापुर से ये सब चीजें आ रही हैं। देश में कई कंपनियां इस दवा का प्रॉडक्शन करती हैं। जायडस कैडिला और इप्का लैबोरेटरीज प्रमुख हैं।

 हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का मुख्य तौर पर इस्तेमाल मलेरिया के उपचार के लिए किया जाता है। इसके अलावा आर्थराइटिस के इलाज में इसका इस्तेमाल होता है। अभी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई दवा नहीं बनी है, लेकिन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के नतीजे उत्‍साहवर्धक बताए जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो इसे ‘गेमचेंजर’ बताया था। हालांकि इस दवा के कई साइड इफेक्‍ट्स भी हैंं।

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