जिलाधिकारी के घर सीबीआई का छापा, नोट गिनने की मशीन मंगाई गयी
बुलंदशहर : बहुचर्चित खनन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के जिलाधिकारी के घर छापेमारी की। अवैध खनन मामले में आज सुबह सीबीआई की टीमों ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिलाधिकारी अभय सिंह के यहां छापा मारा। सीबीआई ने नोट गिनने की मशीन मंगाई है। आशंका जाहिर की जा रही है कि डीएम अभय सिंह के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। इसके अलावा मुरादाबाद में प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक में महाप्रबंधक शैलेश रंजन के घर पर सुबह सीबीआई की टीम ने छापा मारा है। सुबह दो वाहनों में सवार होकर पहुंची सीबीआई की टीम ने डीएम के सरकारी आवास पर छापा मारा। एक घंटे की तलाशी के बाद सीबीआई ने नोट गिनने की मशीन मंगवाई। घर पर डीएम अभय सिंह भी मौजूद हैं। गौरतलब है कि मामला तब का है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। अवैध खनन का मामला 2012 से 2016 के बीच का है, इस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। तब खनन मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे। ऐसे में उन पर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं। अभय सिंह, सितंबर 2013 से लेकर जून 2014 तक फतेहपुर के डीएम रह चुके हैं। 2012 और 2016 के बीच कुल 22 टेंडर पास किए गए थे, जो विवाद में आए। इन 22 में से 14 टेंडर तब पास किए गए थे, जब खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास ही था। बाकी के मामले गायत्री प्रजापति के कार्यकाल के हैं। अब एजेंसियों का मानना है कि अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति के अप्रूवल के बाद ही इन्हें लीज पर दिया गया था। क्योंकि 5 लाख से ऊपर का कोई भी मसला हो, उसके लिए मुख्यमंत्री की इजाजत जरूरी है। इससे पहले जून में इसी मामले में सीबीआई ने गायत्री प्रजापति के घर पर भी छानबीन की थी। इस मामले में सीबीआई काफी एक्टिव है और देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर चुकी है। जिसमें गायत्री प्रजापति के अलावा आईएस अधिकारी बीएस चंद्रकला के घर पर भी छापे पड़े थे। बीएस चंद्रकला बिजनौर और मेरठ की डीएम भी रह चुकी हैं। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।