जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में कई सीटों पर BJP की निर्विरोध जीत, अखिलेश ने सपा जिलाध्यक्षों को किया बर्खास्त
उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव का बिगुल बज चुका है। बीजेपी के करीब एक दर्जन से ज्यादा प्रत्याशियों का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। इनके खिलाफ किसी ने भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। अब सिर्फ औपचारिक तौर पर घोषणा और जीत का प्रमाण पत्र दिया जाना बाकी है। अभी तक कुल 17 सीटों में से 16 पर बीजेपी प्रत्याशी और 1 पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का निर्विरोध चुना जाना तय है। वहीं, चुनावों में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी ने अपने 11 जिलाध्यक्षों को बर्खास्त कर दिया है। सभी को पदमुक्त कर दिया गया है। ये वही जिले हैं, जहां बीजेपी निर्विरोध जीती है।
समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते जिन जिला अध्यक्षों को हटाया है उसमें गोरखपुर और भदोही के अध्यक्ष भी शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतमबुद्ध नगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर के जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है और इसके लिए आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया है। वहीं समाजवादी पार्टी के हाथ इटावा की सीट आई है। हालांकि समाजवादी पार्टी की इस सीट पर भी एसपी के प्रत्याशी का निर्विरोध ही निर्वाचन हुआ है।
बता दें कि कई जगहों पर बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध भी जीत गए हैं क्योंकि बीजेपी के प्रत्याशियों के खिलाफ कई जिलों में सपा ने पर्चा नहीं भरा है। कारण यह है कि सपा को प्रस्तावक तक नहीं मिले। हमीरपुर जिले में समाजवादी पार्टी से जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रत्याशी वंदना यादव को एक प्रस्तावक भी नहीं मिला, जिसकी वजह से वे नामांकन नहीं कर सकीं। वंदना यादव इससे पहले जिला पंचायत अध्यक्ष थीं।