जिस खादी को भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है : प्रधानमंत्री
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, आज वो ब्रांड बन चुका है। प्रधानमंत्री ने देश में हस्तशिल्प को बढ़ावा दिए जाने के लिए सरकारी प्रयासों की सफलता का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लाभार्थियों से ऑनलाइन संवाद करते हुए कहा कि गांव, गरीब, आदिवासियों को सशक्त करने वाला एक और बड़ा अभियान देश में चलाया गया है।
ये अभियान हमारे हस्तशिल्प को, हथकरघे को, कपड़े की हमारी कारीगरी को प्रोत्साहित करने का है। ये अभियान लोकल के प्रति वोकल होने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इसी भावना के साथ आज देश राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मना रहा, जिस खादी को कभी भुला दिया गया था, वो आज नया ब्रांड बन चुका है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अब जब हम आजादी के 100 वर्ष की तरफ नए सफर पर निकल रहे हैं, तो आजादी के लिए खादी की उस स्पिरिट को हमें और मजबूत करना है। आत्मनिर्भर भारत के लिए, हमें लोकल के लिए वोकल होना है।
प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश के अनेक जिलों में बारिश और बाढ़ पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अनेक साथियों के जीवन और आजीविका दोनों प्रभावित हुई हैं। मुश्किल की इस घड़ी में भारत सरकार और पूरा देश, मध्य प्रदेश के साथ खड़ा है.प्रधानमंत्री ने कोरोनाकाल में गरीबों के लिए सरकारी प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से उपजे संकट से निपटने के लिए भारत ने अपनी रणनीति में गरीब को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या फिर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना, पहले दिन से ही गरीबों और श्रमिकों के भोजन और रोजगार की चिंता की गई।
उन्होंने कहा कि कल ही भारत ने 50 करोड़ वैक्सीन डोज लगाने के बहुत अहम पड़ाव को पार किया है। दुनिया में ऐसे अनेक देश हैं, जिनकी कुल जनसंख्या से भी अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। ये नए भारत का, आत्मनिर्भर होते भारत का नया सामथ्र्य है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजीविका पर दुनियाभर में आए इस संकट काल में ये निरंतर सुनिश्चित किया जा रहा है कि भारत में कम से कम नुकसान हो। इसके लिए बीते साल मे अनेक कदम उठाए गए है और निरंतर उठाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि छोटे, लघु, सूक्ष्म उद्योगों को अपना काम जारी रखने के लिए लाखों करोड़ रुपए की मदद उपलब्ध कराई गई है। आज अगर सरकार की योजनाएं जमीन पर तेजी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। बीते वर्षों में गरीब को ताकत देने का, सही मायने में सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है। आज जो देश के गांव-गांव में सड़कें बन रही हैं, उनसे नए रोजगार बन रहे हैं, बाजारों तक किसानों की पहुंच सुलभ हुई है, बीमारी की स्थिति में गरीब समय पर अस्पताल पहुंच पा रहा है।