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जीएसएलवी-डी6 से जीसैट-6 का सफल प्रक्षेपण

gslvश्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)। भारत ने अपने नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट-6 का सफल प्रक्षेपण किया । जीएसएलवी-डी6 रॉकेट के जरिए इसका प्रक्षेपण किया गया जो स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन से लैस है ।
पांच जनवरी 2014 को हुए जीएसएलवी-डी5 के प्रक्षेपण के बाद यह दूसरा मौका है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के वैज्ञानिकों ने स्वदेश में ही विकसित क्रायोजेनिक चरण का इस्तेमाल किया ।
पहले के प्रक्षेपण ने भारत को उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल कर दिया था जो अपने देश में विकसित क्रायोजेनिक इंजन एवं चरण का इस्तेमाल करते हैं । हालांकि, 2010 में दो बार भारत को इसमें असफलता का सामना भी करना पड़ा था। सफल प्रक्षेपण को ओणम का तोहफा करार देते हुए मिशन के निदेशक आर उमामहेश्वरन ने कहा कि नटखट बच्चे :नॉटी बॉय::क्रायोजेनिक चरण: को अब इसरो के सबसे लाडले बच्चे में बदल दिया गया है ।
उन्होंने कहा, इसरो ने ओणम का तोहफा दिया है़़़़़भारत में ही विकसित क्रायोजेनिक चरण से लैस एक भरोसेमंद प्रक्षेपण़़़़जो 2-2़5 टन श्रेणी के उपग्रहों का प्रक्षेपण कर सकता है। इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा, हमने दिखाया है कि जनवरी 2014 में जो कुछ हुआ था वह अनायास ही मिली सफलता नहीं थी, बल्कि पूरी टीम ने स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के लिए पुरजोर मेहनत की थी़़़़़क्रायोजेनिक की बहुत सारी जटिलताओें की समक्ष विकसित हुई है ।

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