मुंबई: अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम कहने को तो जेल में बंद है लेकिन तलोजा जेल अधीक्षक हीरालाल जाधव की माने तो वह जेल के अंदर भी ऐशो आराम की जिंदगी जी रहा था। जब उन्होंने उसकी सुविधांए बंद कर दी तो उसने उनकी ही झूठी शिकायत कर दी। अबू सलेम ने 28 अगस्त को टाडा अदालत को पत्र लिखकर जेल अधीक्षक पर उसे जान से मरवाने की साजिश करने का आरोप लगाया था।
पिछली जेल में मुस्तफा डोसा ने कर दी थी सलेम की पिटाई…
डॉन अबू सलेम को 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यार्पित कर भारत लाया गया था। पहले उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद रखा गया था। लेकिन, वहां 1993 धमाकों के आरोपी मुस्तफा डोसा ने उसकी पिटाई कर दी। उसके बाद से सलेम को तलोजा जेल में रखा गया है। वहां भी उस पर गोली चलाकर मारने की कोशिश हो चुकी है। इसलिए अब उसे तलोजा जेल के अति सुरक्षा वार्ड क्रमांक 4 में रखा गया है।
कैदियों से खाना परोसवाता और रोज पार्टी करता सलेम…
जेल अधीक्षक का कहना है कि अबू सलेम जेल में सभी पर अपना रौब झाड़ता है। जेलकर्मियों को भी अपने वार्ड की तलाशी लेने नहीं देता था।
अधीक्षक के मुताबिक, सलेम के वार्ड की तलाशी लेने पर वह हैरान रह गए। वहां पता चला कि उसने अपने कमरे में अलग से सीमेंट का फर्श बनवा रखा है। इतना ही नहीं कैदी क्रमांक 339 राजा नाडर डॉन सालेम के कपडे़ धोने से लेकर खाना परोसने, जूठा बर्तन धोने, चाय बनाने और साफ सफाई तक का करता था।
अदालत की तरफ से सलेम को घर का खाना खाने की इजाजत मिली है। इसकी आड़ में वह ज्यादा खाना मांगकर मकोका के आरोपी विश्वनाथ शेट्टी और बाकियों को भी खिलाता था। जेल में एक तरह से रोज ही सलेम की पार्टी चलती थी।
कमरे की तलाशी से मिला फोन चार्जर…
अधीक्षक के मुताबिक, सलेम के कमरे की तलाशी में उन्हें एक फ़ोन चार्जर भी मिला था। सलेम बीमारी का बहाना बनाकर बार बार जे जे अस्पताल जाता था। अधीक्षक जाधव ने 5 पन्ने के अपने लिखित बयान में कहा है कि जब उन्होंने सलेम की जेल में चल रही ऐश बंद करवाई तो उसने अदालत में झूठी शिकायत की कि मैं डॉक्टर के जरिये उसे जहर का इंजेक्शन दिलाना चाहता हूं।