राष्ट्रीय

जेल से अपलोड बंदियों की सेल्फी हुई वायरल

jail_1462683336जेल में मोबाइल चलने से अफसर भले ही इंकार करें, लेकिन सुबूत हकीकत बयां करने के लिए काफी हैं। जेल में बंदी मोबाइल का खुलकर इस्तेमाल कर रहे हैं। मौजमस्ती के साथ सेल्फी भी ली जा रही हैं। बंदियों की ऐसी ही एक फोटो लीकेज हुई है। बंदियों की यह फोटो फेसबुक पर आने के बाद जेल प्रशासन ने मामले की जांच बैठा दी है।
मुजफ्फरनगर के जिला कारागार में आजकल सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। दो माह पहले जेल के बैरकों को खंगाला गया था, जिसमें बंदियों से 22 मोबाइल बरामद हुए थे। इसके बाद अफसरों ने दावा किया कि अब जेल में मोबाइल पूरी तरह बंद हो चुके हैं। इसके बाद भी जेल से रंगदारी मांगने के मामले सामने आए। शनिवार को जेल में बंदियों ने बवाल कर दिया।
अगले दिन रविवार को डीआईजी वीके शेखर ने जेल पहुंचकर आपत्तिजनक सामान बरामद किए थे। इस दौरान एक मोबाइल भी मिला था। जेल के अंदर की गतिविधियों की जानकारी बाहर न आए, इसके लिए अफसरों का पूरा ध्यान रहता है। बवाल में घायल हुए बंदियों को बाहर तक नहीं लाया गया। अंदर ही उनकी मरहम पट्टी कर मामले को दबा दिया गया।

अब जेल के अंदर से एक फोटो बाहर आई है। इस फोटो ने जेल की सुरक्षा और सख्ती की पोल खोलकर रख दी है। फोटो जेल से ही किसी बंदी ने फेसबुक पर अपलोड की है। फोटो में बंदी सेल्फी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। इनके चेहरों की मुस्कराहट जेल में मिल रही सुख-सुविधाओं को बयां कर रही है। फोटो के सोशल साइट्स पर वायरल होने के बाद अफसरों को भी जवाब देते नहीं बन रहा।

गोपनीय तरीके से जांच कराई गई है, जिसमें कई बात उजागर हुई हैं। फोटो में जो बंदी नजर आ रहे हैं, वह बैरक नंबर 17ए में बंद हैं। इनमें हत्या के मामले में बंद शहर की एक समाजसेविका का बेटा और शामली के एक ब्लाक प्रमुख का पति साफ नजर आ रहे हैं। पुलिस के अफसर भी जेल के कारनामों को देखकर हैरान हैं। माना जा रहा है कि जेल के अंदर से ही फेसबुक, वॉट्सअप, ट्वीटर आदि सोशल साइट्स चलाई जा रही हैं। 

सोशल साइट्स पर मिले फोटो की जांच-पड़ताल कराई जा रही है कि यह कहां का है। यह भी हो सकता है कि फोटो कहीं और से काट-छांटकर बनाया गया हो, लेकिन फिर भी हम इसकी तहकीकात करा रहे हैं। जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।  
-राकेश सिंह, जेल अधीक्षक  

जिला कारागार में बंदियों के बवाल को देखते हुए हर हाल में जैमर को इसी हफ्ते चालू करने की तैयारियां कर ली गई हैं। हैदराबाद से जैमर का सामान जिला कारागार पहुंच गया है। जैमर लगने से जहां मोबाइल फोन पर अंकुश लगेगा, वहीं जेल की बाउंड्री से सटे मकानों में भी फोन बंद हो जाएंगे।
जेल से हर हाल में फोन बंद करने के लिए शासन ने जैमर लगाने का काम चालू कर रखा है। जिसमें पूरी जेल में केबिल बिछा दिया गया है। बैरकों की छतों पर फाउंडेशन बनाए जा रहे हैं। हैदराबाद से जैमर का सामान कारागार के भीतर पहुंचा दिया गया है। तकनीकी विशेषज्ञ भी पहुंच गए हैं। जेल के भीतर छह जैमर लगने हैं, जिन पर करीब सवा तीन करोड़ की लागत आएगी।

शासन ने जैमर लगाने वाली कंपनी को पूरा भुगतान भी कर दिया है। बंदियों के बवाल के बाद तो काम में और तेजी ला दी गई है। डीआईजी के आदेश पर इसी हफ्ते हर हाल में जैमर चालू हो जाएंगे। वहीं दूसरी और जैमर चालू होने से जेल की बाउंड्री के आसपास बने मकानों के भी मोबाइल फोन बंद हो जाएंगे।

जेल अधीक्षक राकेश सिंह के अनुसार जेल के नियमों के मुताबित कोई भी प्राईवेट मकान जेल की बाउंड्री से 100 फुट की दूरी पर ही बनाया जा सकता हैं, लेकिन यहां लोगों ने जेल से मिलाकर मकान बना रखे हैं। जिससे इनके मकानों के भी फोन बंद हो जाएंगे। सिर्फ लैंडलाइन फोन ही चल पाएंगे। अधिकारियों की मानें तो हर हाल में इसी हफ्ते कारागार में फोन चलने पूरी तरह से बंद हो जाएंगे।

 

Related Articles

Back to top button