अद्धयात्म

जैसी भावना होती है उसी रूप में दर्शन देते हैं भगवान श्रीकृष्ण

bhभगवान श्रीकृष्ण के भारत में बहुत से मंदिर हैं। जिन्हें देखने भारतीय ही नहीं विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। जिस व्यक्ति की जैसी भगवान के प्रति भावना होती है उन्हें वो उसी रूप में दर्शन देते हैं। तो आईए करें भगवान श्रीकृष्ण के मंदिरों के दर्शन- मंदिरों की श्रृंखला में प्रथम है वृन्दावन इसका नाम सुनते ही मन में भगवान श्रीकृष्ण की अदभुत् छवि सामने आ जाती है। इसके नाम के पीछे भी कई कथाएं जुड़ी हैं। कहते हैं कि अधिकतर तुलसी के पौधे होने के कारण इस जगह का नाम वृन्दावन पड़ गया। वृन्दावन में बहुत सारे मंदिर अवस्थित हैं।उनमें से ही एक इस्कॉन मंदिर है इस मंदिर को अंग्रेजों का मंदिर भी कहा जाता है। यहां पर संकीर्तन हर समय चलता रहता है। सभी यहां पर केसरिया वस्त्रों में हरे रामा–हरे कृष्णा की धुन पर नाचते दिखाई देते हैं। इस्कॉन की शाखाएं मथुरा के अतिरिक्त दिल्ली, बेंगलुरु और भारत से बाहर अमेरिका में भी हैं।गुजरात के पश्चिम में स्थित है जगत मंदिर यानि द्वारकाधीश मंदिर। जो लगभग 2,500 साल पुराना है। भगवान कृष्ण के जीवन से संबंध होने के कारण इसका विशेष महत्व है। 5000 वर्ष पूर्व भगवान कृष्ण ने मथुरा छोड़ने के बाद द्वारका नगरी बसाई थी। यह स्थान यादवों की राजधानी थी। श्री कृष्ण के गौलोक धाम जाने के पश्चात प्राचीन द्वारकापुरी समुद्र में डूब गई। केवल भगवान का मन्दिर समुद्र ने नहीं डुबाया। जहां श्रीकृष्ण का महल था उसी स्थान पर द्वारकाधीश मंदिर स्थित है। दक्षिण भारत में अवस्थित राजगोपाल स्वामी मंदिर को दक्षिण का द्वारका माना जाता है और वेणु गोपाल मंदिर में कृष्ण बांसुरी बजाते हुए देखे जा सकते हैं।वृन्दावन में ही बसे जुगल किशोर मंदिर को केसी मंदिर नाम से भी जाना जाता है।यमुना नदी श्री कृष्ण भगवान की परम प्रिया हैं। यमुनोत्री का जो हिस्सा केसी घाट से जाकर मिलता है वह काफी धार्मिक और पावन माना जाता है क्योंकि केसी नामक दैत्य का वध करने के उपरांत भगवान कृष्ण ने यहां स्नान किया था। मान्यता है कि इस स्थान पर स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है।

Related Articles

Back to top button