झारखंड बनेगा मत्स्य निर्यातक राज्य
रांची: झारखंड में नीली क्रांति का प्रारंभ हो गया है। इतना ही नहीं बड़े तालाबों के साथ इस बार तैयार किए गए 70 हजार डोभा में मछली पालन किया जाएगा। सरकार प्रयास कर रही है कि अगले वर्ष में झारखंड मछली निर्यातक राज्य में शामिल हो जाए। यह बात राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री रणधीर सिंह ने कही है। मंत्री रणधीर सिंह विधानसभा मैदान में मनाए जा रहे दो दिवसीय मत्स्य सम्मेलन का शुभारंभ करने पहुंचे थे। मंत्री ने कहा कि छोटी नदियों में जाल लगाए जाऐंगे जिससे मछली पालन बढ़ेगा।
मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि राज्य में कार्य हुआ है लेकिन इसे बढ़ाना होगा। मछली की खपत को भी बढ़ाकर राज्य की ओर से आपूर्ति के आंकड़े में बढ़ोतरी के प्रयास किए जाऐंगे।
मंत्री रणधीर सिंह ने कहा कि इस बार राज्य में 403 करोड़ मछली बीज का उत्पादन हुआ है। यह 425 करोड़ मछली बीज के लिए एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि राज्य में मछली की खपत 87 हजार एमटी थी मगर आपूर्तियां 67 हजार टन थीं।
अब इसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि गुरूवार से प्रारंभ होने जा रहे इस मत्स्य सम्मेलन में मत्स्य कृषक, मत्स्य मित्र, बीज उत्पादक, पारा फिश, हेचरी संचालक आदि मत्स्य जीवी सहयोग समितियों के सदस्यों ने भागीदारी की। इस दौरान