भाजपा विधायकों का दो दिवसीय धरना समाप्त
लखनऊ। प्रदेश में बिजली संकट के लिये सस्ती दरें जिम्मेदार हैं तो मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। यूपी से सस्ती बिजली कई दूसरे राज्यों में उपलब्ध है। राज्यपाल ने बिजली की समस्या के बारे में प्रदेश सरकार से बात की तो सीएम ने जवाब दिया कि वो अभी विदेश से लौटे हैं और उपचुनाव में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री उपचुनाव के दौरान विदेश जा सकते हैं लेकिन जनसमस्याओं के लिये उनके पास समय नहीं है। भाजपा विधायकों के दो दिवसीय धरने के अंतिम दिन मंगलवार को धरना स्थल पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुये भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि, प्रदेश सरकार केन्द्र पर भेदभाव का आरोप लगाती है जबकि स्वयं मुख्यमंत्री ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के फोन का जवाब देना तक उचित नहीं समझा। प्रदेश सरकार कह रही है कि उसे पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है। जो कोयला सप्लाई हो रहा है वो गीला है। बाजपेयी ने कहा कि वर्षा के मौसम में अगर कोयला गीला है तो ये किसकी गलती है। असल में सरकार की इच्छाशक्ति ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह के शासनकाल में शिलान्यास की गई परियोजनाओं पर अभी भी कार्य प्रारम्भ नहीं कर पाई हैं। इलाहाबाद-मिर्जापुर हाइवे पर करछना में 100 बीघा खाली पड़ी जमीन के एक कोने पर लगा यूपी पावर कार्पोरेशन का भूमि अधिग्रहण संबंधी बोर्ड बता रहा है कि यहां पर 1320 मेगावाट क्षमता वाला बिजली घर लगना है। प्रेसवार्ता को भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुरेश खन्ना ने प्रदेश सरकार को बदहाल कानून-व्यवस्था, बिजली, गन्ना किसानों की समस्याओं समेत तमाम मुद्दों पर घेरा। खन्ना ने बताया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन की नयी तारीखों की घोषणा होगी।