ट्रंप ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन को किया फोन, मांगी मदद…
अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ प्रतिनिधि सभा में महाभियोग प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद ट्रंप ने देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान शुरू कर दिया है। उन्होंने महाभियोग की परवाह किए बिना ऑस्ट्रेलिया के पीएम से अमेरिकी न्याय मंत्रालय के लिए सूचनाएं एकत्रित करने के लिए मदद मांगी है। ये सूचनाएं ट्रंप के 2016 चुनाव में रूसी दखल से संबंधित हैं। ऑस्ट्रेलिया ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
इस काम के लिए ट्रंप ने बाकायदा ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन को फोन किया और अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र को जांच में मदद करने को कहा। बता दें कि 2016 के राष्ट्रपति पद के चुनावों में ट्रंप पर रूस के साथ गोलबंदी के आरोप लगे हैं जिनकी जांच अमेरिकी अधिकारी मुलर कर रहे हैं। ट्रंप चाहते हैं कि मुलर की जांच के स्रोतों का पता लगाया जाए।
इस संबंध में बर्र ने ट्रंप को विभागीय जांच टीम गठित करने और विदेशों से संपर्क करने की सलाह दी है। यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि डेमोक्रेट चुनावों में ट्रंप को बर्बाद करने की योजना बनाते रहे हैं। इस बार भी ऐसा करने की कोशिश की जा रही है। उधर, ऑस्ट्रेलिया सरकार के प्रवक्ता ने ट्रंप के मदद मांगने की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका देश अमेरिका की मदद करने को तैयार है।
ट्रंप के कॉल पर फिर विवाद
राष्ट्रपति ट्रंप ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम को जिस तरह मदद के लिए फोन किया, इसी तरह से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मदद मांगी थी। इसे लेकर विवाद जारी है। इससे पता चलता है कि ट्रंप अपने निजी राजनीतिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए उच्च स्तरीय कूटनीति का इस्तेमाल करने में भी पीछे नहीं हैं। इससे यह भी पता चलता है कि ट्रंप खुद के बचाव में किसी छोटे स्तर के अधिकारी की सलाह को भी तवज्जो देते हैं।