राजपुर रोड स्थित एक गारमेंट शॉप में नौकरी कर रहे भरत सिंह की डिजिटल लेन-देन से उसकी किस्मत बदल गई। लकी ग्राहक योजना के मेगा ड्रा में तीसरा स्थान पाकर वह लखपति बन गए।
देहरादून: राजपुर रोड स्थित एक गारमेंट शॉप में नौकरी कर रहे भरत सिंह को शायद ही इल्म रहा होगा कि डिजिटल लेन-देन से उसकी किस्मत बदल जाएगी। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार की डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने की मुहिम का हिस्सा बने भरत सिंह वह शख्स हैं, जिन्हें लकी ग्राहक योजना के मेगा ड्रा में तीसरा स्थान मिला। अब उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुरस्कृत करेंगे। नीति आयोग ने 25 दिसंबर 2016 को डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापारी योजना शुरू की थी। इन योजनाओं के तहत भीम ऐप, रुपे कार्ड या यूपीआइ से लेन-देन करने वालों को लकी ड्रा के माध्यम से पुरस्कृत किया जा रहा है।
गत रविवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में इस योजना का मेगा ड्रा निकाला। लकी ग्राहक योजना के तहत तीसरे पुरस्कार के लिए उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी के नया गांव स्थित पंजाब नेशनल बैंक शाखा के ग्राहक भरत सिंह का चयन हुआ। उन्हें 14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के मौके पर नागपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पुरस्कार मिलेगा। शेरपुर शिमला बाइपास निवासी 37 वर्षीय भरत सिंह ने पीएनबी की नयागांव शाखा में 31 दिसंबर 2014 को खाता खोला। गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले भरत सिंह के परिवार में मां, पत्नी और चार बच्चे हैं। घर चलाने के लिए वह राजपुर रोड स्थित एक गारमेंट शॉप में नौकरी करते हैं।
नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री के देशवासियों से कैशलेस व्यवस्था अपनाने के आह्वान से प्रेरित होकर उन्होंने शॉपिंग से लेकर पेट्रोल भराने आदि के काम डिजिटल तरीके से किए। पीएनबी मंडल प्रमुख अनिल खोसला के मुताबिक यह हमारे के लिए खुशी की बात है कि योजना के पुरस्कार विजेता के रूप में बैंक का सम्मानित ग्राहक चुना गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप 25 लाख रुपये मिलेंगे। भरत सिंह को नागपुर पहुंचाने की पूरी व्यवस्था पीएनबी ने की है।
संवार सकेंगे बच्चों का भविष्य
पुरस्कार के लिए चुने गए भरत सिंह की खुशी का ठिकाना नहीं है। पहले तो उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ, मगर पीएनबी अधिकारियों ने जब उन्हें सूचित किया तो खुशी से झूम उठे। उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि डिजिटल लेन-देन ने उनकी आर्थिकी बदल दी है। पुरस्कार में मिलने वाली धनराशि को वह बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में लगाएंगे। साथ ही खुद का रोजगार शुरू करेंगे। इसके साथ ही कैशलेस व्यवस्था को अपनाने के लिए और को भी प्रेरित करेंगे।