डेरा प्रेमी बने सिखों की घर वापसी का स्वागत करेगी एसजीपीसी : बंडृूगर
लुधियाना-अमृतसर : शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान कृपाल सिंह बडूंगर ने घोषणा की है कि डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से गलत तरीकों के कारण जुड़े लोगों को पुन: गुरू घर के साथ जोड़ा जाएंगा और इसके लिए बाकायदा एक सितंबर से शुरू की जा रही धर्म प्रचार लहर के तहत ही लोगों को गुरू से जुडऩे के लिए प्रेरित किया जाएंगा। काबिलेजिक्र है कि डेरा सिरसा प्रमुख को सीबीआई अदालत द्वारा दुष्कर्मी घोषित किए जाने के बाद अधिकांश सिख डेरा प्रेमी ओह-पोह की स्थिति में बने हुए है। बहुत से गांवों से डेरा प्रेमियों ने सिख धर्म में पुन: शामिल होने की इच्छा जाहिर की है। इसी सबको देखते हुए कल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने भी सिखों की घर वापिसी की घेाषणा उपरांत शिरोमणि कमेटी से विचार-विमर्श करके यह योजना बनाई है। उधर डेरों का दावा है कि दुनिया भर में करोड़ों अनुयायी है। अब डेरा मुखी को सजा के बाद डेरे के भविष्य पर सवालिया निशान लगा हुआ है, क्योंकि डेरा मुखी के खिलाफ कई अन्य संगीन मामले भी कोर्ट के विचारदीन है। यही कारण है कि कल तक गुरमीत राम रहीम को भगवान का दर्जा देने वाले संगत का मोहभंग होना शुरू हो चुका है।
25 अगस्त की हिंसा उपरांत पंथ में वापिसी की शुरूआत तख्त श्री दमदमा साहिब से शुरू हो चुकी है, जिसमें डेरा प्रेमी हरि सिंह का परिवार भी गुरू ग्रंथ साहिब की शरण में आया है। उसके बेटे राजपाल सिंह और गुरमीत सिंह सोमवार को अपने पिता के संस्कार के बाद दमदमा साहिब पहुंचे थे और माथा टेककर तख्त के जत्थेदार हरप्रीत सिंह से उन्होंने माफी मांगते हुए मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि भविष्य में वह और उनका परिवार गुरू ग्रंथ साहिब जी को ही गुरू मानेगा और गुरू ग्रंथ साहिब जी की ओट का सहारा लेकर अपने स्वर्गीय पिता के लिए पाठ करवाने का फैसला किया है। उधर दमदमा साहिब के प्रमुख जत्थेदार हरनाम सिंह खालसा ने भी डेरा प्रेमियों को देहधारियों का पीछा छोड़कर गुरू सिख की मुख्य धारा में शामिल होने का आहवाहन किया है।