डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारियों से प्रोफेशनल टैक्स वसूलने गठित होगा नया सेल
भोपाल। खजाने में ज्यादा से ज्यादा पैसा जुटाने के लिए वाणिज्यिक कर विभाग की नजर प्रोफेशनल टैक्स नहीं भरने वाले प्राइवेट डॉक्टर, इंजीनियर और वकील सहित 15 हजार रुपए प्रतिमाह कमाने वालों पर है। इन सभी वर्गों से टैक्स भरवाने के लिए विभाग रणनीति तैयार कर रहा है। प्रोफेशनल टैक्स नहीं भरने वालों पर जुर्माने की भी कवायद हो रही है। अभी यह टैक्स नहीं देने वालों पर कार्रवाई का प्रावधान नहीं होने से अधिकांश लोग टैक्स नहीं भर रहे हैं। विभाग का मानना है कि वर्तमान में केवल 30 फीसदी प्रोफेशनल टैक्स ही जमा हो रहा है, जो लगभग 350 करोड़ है। नया सेल गठित होने से प्रोफेशनल टैक्स की वसूली पर फोकस रहेगा, जिससे विभाग को 700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है।
प्रोफेशनल टैक्स के स्लैब में परिवर्तन करने की भी तैयारी है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में विभाग के जिन अधिकारियों पर वैट वसूलने की जिम्मेदारी है, वे ही प्रोफेशनल टैक्स वसूलते हैं। मैदानी अमले का फोकस वाणिज्यिक कर से संबंधित कामकाज पर ज्यादा होने से वे प्रोफेशनल टैक्स की वसूली पर ध्यान नहीं देते हैं। इससे विभाग को हर वर्ष करोड़ों रुपए की चपत लग रही है।
प्रोफेशनल टैक्स पर एक नजर
– प्रदेश में प्रोफेशनल टैक्स दो प्रकार का लिया जाता है। पहला वेतन धारियों से और दूसरा स्वयं का व्यवसाय करने वालों से।
– 15 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन या इनकम वालों पर यह टैक्स लगता है।
कंपनियों पर 10 लाख तक के टर्न ओवर तक छूट। 10 से 20 लाख के टर्न ओवर पर 1000, 20 से 50 लाख के टर्न ओवर पर 2000 और 50 लाख से ऊपर के टर्न ओवर पर 2500 रुपए सालाना टैक्स।
कंपनियों के डायरेक्टर पर – 2500 रुपए सालाना।