ढाका हमले के आंतकी भी थे डॉ जाकिर नाईक से प्रभावित
एजेंसी/ नई दिल्ली : ढाका में हुए आतंकी हमले में अब भारत का कनेक्शन होने की खबर आ रही है। बंधक बनाकर 22 लोगों की हत्याकरने वाले आतंकी एक भारतीय डॉक्टर व इस्लाम के प्रचारक से प्रेरित थे। ये डॉक्टर मुंबई का रहने वाला जाकिर नाईक है। एक आतंकी ने नाईक का वो बयान सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें उसने कहा था कि सभी मुसलमानों को आतंकी बनना चाहिए।
इस पर नाईक ने 12 जुलाई को सफाई देने का फैसला किया है। वो 11 जुलाई को भारत लौट रहे है, नाईक पर मुसलमानों को भड़काने का आरोप लग रहा है। उनकी संस्था ने पीआर एजेंसी की भी मदद ली है। खबर है कि मुंबई पुलिस की टीम उनकी संस्था के कार्यालय पर भी गई थी। इस खबर के बाद से देश में उनके संगठन और भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठने लगी है।
रजा एकेडमी ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि नाईक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगे। इसके साथ-साथ नाईक के आतंकी कनेक्शन की भी जांच होनी चाहिए। नाईक के पास इतने पैसे कहां से आते हैं इसकी भी जांच होनी चाहिए। इस पर नाईक का कहना है कि उन्हें इस बात पर हैरानी नहीं है कि बांग्लादेश के आतंकी उनसे प्रेरित थे, क्यों कि 90 प्रतिशत बांग्लादेशी उनसे परिचित है।
केंद्र सरकार के गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू का कहना है कि सरकार किसी व्यक्ति विशेष पर प्रतिबंध नहीं लगाती। रिजीजू ने बताया कि इस संबंध में बांग्लादेश ने कोई बात नहीं की है, अगर कोई ऑफिशियल जानकारी आती है, तो कार्रवाई की जाएगी। नाईक के प्रवक्ता मंजूर शेख ने ढाका हमले में उनका नाम आने के बाद सफाई देते हुए कहा है कि नाईक के विचारों के बारे में जो बताया जा रहा है वो गलत है।
इससे पहले नाईक तब विवादों में आए थे, जब उन्होने ओसामा बिन लादेन को आतंकी मानने से इंकार कर दिया था। इससे पहले 2009 में भी न्यूयॉर्क के सबवे में फिदायीन हमले की साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार नजीबुल्ला जाजी के दोस्तों ने बताया था कि वो काफी वक्त तक नाईक की तकरीरों को टीवी पर देखता था।
2006 में मुंबई की लोकल ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपी राहिल शेख भी नाईक से प्रभावित था। 2007 में बेंगलुरु का एक शख्स कफील अहमद ग्लासगो एयरपोर्ट को उड़ाने की कोशिश करते हुए घायल हुआ था। जांच में पता चला कि वो भी नाई क से प्रभावित था।