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तंदूर कांड: सुशील शर्मा की फांसी उम्रकैद में बदली

su4नई दिल्ली (  एजेंसी) तंदूर कांड से चर्चा में आए दिल्ली यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा की फांसी की सजा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। पत्नी नैना साहनी की हत्या के जुर्म में मौत की सजा पाए  शर्मा 1995 से जेल में है।शर्मा की याचिका पर मुख्य न्यायाधीश पी सतशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने फैसला सुनाया। इसके बाद अब शर्मा को पूरी जिंदगी जेल में बितानी होगी। गौरतलब है कि सुशील शर्मा ने जुलाई, 1995 में अवैध संबंधों के शक में नैना की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने नैना के शव को दिल्ली के एक रेस्तरां में तंदूर में जलाने की कोशिश की थी। इस दौरान मामला खुल गया और पुलिस ने तंदूर से नैना का अधजला शव बरामद किया था। रेस्तरां मैनेजर केशव कुमार को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि शर्मा की गिरफ्तारी कुछ दिन बाद हुई थी।
सत्र अदालत और दिल्ली हाईकोर्ट ने शर्मा को मौत की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई, 2007 को शर्मा की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए उसकी सजा पर अंतरिम रोक लगा दी थी। शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाई थी।बहस के दौरान शर्मा की सजा उम्रकैद में बदलने की गुहार लगाते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जसपाल सिंह ने दलील दी थी कि यह मामला दुर्लभतम अपराध (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए शर्मा को मौत की सजा देना न्याय संगत नहीं है। उनका कहना था कि पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है इसलिए इसमें मौत की सजा नहीं दी जा सकती। शीर्ष अदालत ने गत 13 अगस्त को इस पर अपना पैâसला सुरक्षित रख लिया था।

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