तरसेगा पाकिस्तान ‘अब बूूंद-बूंद के लिए
भारत जल्दी ही सिंधु जल समझौते के तहत पश्चिमी नदियों के पानी को लेकर एक अहम फैसला ले सकता है। इस फैसले के तहत भारत अपने पूरे हिस्से का इस्तेमाल करने की तैयारी में है। भारत का यह फैसला भारत-पाकिस्तान की भूमि को लेकर होने वाली राजनीति से प्रेरित बताया जा रहा है। इसके तहत भारत अगले साल चेनाब नदी पर पन-बिजली प्रोजेक्ट भी शुरू करेगा।
सिंधु जल समझौते पर भारत ने उठाया बड़ा कदम
मालूम हो कि 27 सितंबर को पीएम मोदी के सिंधु नदी जल समझौते की समीक्षा करने के फैसले के बाद से इस प्रोजेक्ट को शुरू किए जाने की कवायद चल रही थी। हालांकि, इस चेनाब प्रोजेक्ट से पहले सरकार स्वालकोट (1,856 मेगावॉट), पाकुल दुल (1,000 मेगावॉट) और बुरसर (800 मेगावॉट) प्रोजेक्ट को शुरू करेगी।
चेनाब और झेलम नदी पर बांध बनाना बहुत बड़ा काम माना जाता है। ऐसे में ये प्रोजेक्ट्स पाकिस्तान को भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिहाज से शुरू किए जा रहे हैं। एक अधिकारी के मुताबिक, ‘केंद्र सरकार सभी जमीनी स्तर के काम के लिए लगातार जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ संपर्क में है। स्वालकोट प्रोजेक्ट पर 2017 की शुरुआत में ही काम शुरू हो जाएगा। वहीं, सरकार की तरफ से प्रोजेक्ट जल्दी पूरा करने के आदेश के बाद अंडर कंस्ट्रक्शन पाकुल दुल प्रोजेक्ट के काम में भी तेजी आ गई है।’