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तिरंगे में मौजूद रंगों का क्या हैं अर्थ? 90% लोगो को नहीं जानते होंगे इसका जवाब

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते हैं आज भारत का 70वा गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा हैं. पुरे देश में इसे लेकर काफी देशभक्ति वाला माहोल नज़र आ रहा हैं. हर जगह भारतीय तिरन्न्गा लहराते हुए दिखाई दे रहा हैं. जैसा कि आप सभी जानते हैं भारतीय तिरंगा तीन मुख्य रंगों केसरिया, सफ़ेद और हरा से मिलकर बना होता हैं. साथ ही इसके बीच में नीली धारियों वाला अशोक चक्र भी होता हैं. लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस तिरंगे में मौजूद केसरिया, सफ़ेद और हरे रंग का अर्थ क्या होता हैं? आप में से कई लोगो को ये बात पता नहीं होगी और कुछ को टूटी फूटी या आधी अधूरी बात ही पता होगी. ऐसे में आज हम आपको भारतीय तिरंगों में मौजूद इन तीनो रंगों का सहीअर्थ विस्तार से बताएंगे.

तिरंगे में मौजूद रंगों का क्या हैं अर्थ? 90% लोगो को नहीं  जानते होंगे इसका जवाबआपकी जानकारी के लिए बता दे कि राष्ट्रध्वज बनाने वाले लोगो ने इस तिरंगे को बड़ा ही सोच समझकर और दार्शनिक मायने दे कर बनाया हैं. इस तिरंगे में मौजूद चीजें और उनका अर्थ पुरे देश को एक धागे में पिरो कर रखता हैं. तो चलिए बिना किसी देरी के इन रंगों का सही अर्थ जान लेते हैं.

केसरिया रंग:

राष्ट्रध्वज में सबसे ऊपर केसरियां रंग होता हैं. ये रंग मुख्य रूप से साहस और बलीदान को दर्शाता हैं. इस रंग का मतलब हैं कि भारत के लोग अपने देश के प्रति निस्वार्थ होकर सबकुछ करने को प्रतिबद्ध हैं. इसके अलावा इस रंग का ताल्लुक आध्यात्म से भी हैं. कई धर्मों में इसका इस्तेमाल किया जाता हैं जहाँ इस रंग के माध्यम से लोगो को अहंकार छोड़ने और अच्छे कामो के लिए त्याग करने की प्रेरणा दी जाती हैं. ये रंग आध्यात्मिक उर्जा और एकता का भी प्रतिक होता हैं. हिंदू, बुद्ध, सिख और जैन धर्मों में तो ये रंग काफी करीबी माना जाता हैं. कई तरह के धार्मिक कामो में इसी रंग को धारण किया जाता हैं.

सफ़ेद रंग:

भारतीय तिरंगे में दुसरे नंबर पर सफ़ेद रंग होता हैं जो कि शांति, पवित्रता और सच्चाई को दर्शाता हैं. साथ ही इस रंग को इमानदारी का भी प्रतिक माना गया हैं. ये सफ़ेद रंग ज्ञान और स्वच्छता को भी रिफ्लेक्ट करता हैं. ये लोगो को सच्चाई के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता हैं. कई जगह इसे शान्ति का संदेश देने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता हैं.

हरा रंग:

तिरंगे में मौजूद तीसरा रंग हरा होता हैं. ये रंग मूल रूप से सम्पन्नता का प्रतिक होता हैं. इससे खुशहाली राजसी ठाट और समृद्धि झलकती हैं. ये रंग देश में उत्सव के माहोल को भी दर्शाता हैं. कई जगह तो इसका उपयोग विश्वास जताने के लिए भी किया जाता हैं. हरा रंग हरियाली का भी प्रतिक होता है जो कि आँखों को सकून पहुँचाने का काम करता हैं. इसका प्रकृति से बड़ा गहरा कनेक्शन होता हैं. बस यही वजह हैं कि इस रंग को तिरंगे में शामिल किया गया हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय तिरंगे कि सबसे पहले 1906 में बनाया गया था. इसके बाद इसमें कई सारे फेरबदल होते चले गए.

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