नई दिल्ली : हेल्थ चेकअप में तिहाड़ के 6 हजार में से 150 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं। कैदियों से बातचीत में पता लगा है कि अधिकतर ने एक ही सुई से एक-दूसरे को ड्रग्स के इंजेक्शन लगाए थे। अंदेशा है कि इसी से वे एचआईवी संक्रमण की चपेट में आए। इसकी जानकारी देते हुए जेल अधिकारियों ने बताया कि जो कैदी एचआईवी पॉजिटिव मिले हैं, उनमें से 95 से 97 फीसदी ऐसे थे, जो जेल पहुंचने से पहले भी नशा करते थे। इसके लिए ये लोग एक ही सुई से ग्रुप में एक-दूसरे को इंजेक्शन लगाकर नशा लेते थे। यह भी पता लगा है कि इनमें से अधिकतर झुग्गी-झोपड़ियों और धार्मिक स्थलों के आसपास रहने वाले लोग हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि पहले जेल में आने वाले कैदियों की एचआईवी संबंधी जांच करना अनिवार्य नहीं होता था। पिछले साल अक्टूबर से नैशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन द्वारा यह अनिवार्य कर दिया गया है। अब जो भी कैदी यहां आता है,उसकी जांच की जाती है। जांच रिपोर्ट आने पर ही यह खुलासा हुआ है। हालांकि, जेल अधिकारियों का यह भी कहना है कि तिहाड़ में जो भी एचआईवी पॉजिटिव कैदी हैं। उनका दिल्ली सरकार से फ्री में इलाज कराया जा रहा है। एचआईवी पॉजिटिव कैदी जो जेल से जा चुके हैं, उनकी मॉनिटरिंग नहीं हो रही। इसके अलावा 100 कैदी ऐसे भी मिले हैं, जो हेपेटाइटिस-बी और सी से पीड़ित हैं।