त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद हिंसा भड़क गई है. राजधानी अगरतला के पास बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों से.पश्चिम त्रिपुरा प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए धारा 144 लगा दी है. वामपंथी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के समर्थक उनके कार्यालयों को ही नहीं, बल्कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बना रही है.दक्षिण त्रिपुरा में भी इसी तरह की घटना सामने आई. बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को ढहा दिया गया.
मौके पर पहुंची पुलिस के मुताबिक, बीजेपी समर्थकों ने बुलडोज़र ड्राइवर को शराब पिलाकर इस घटना को अंजाम दिया. फ़िलहाल पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया है और बुलडोजर को सीज़ कर दिया है. घटना पर सीपीआई(एम) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है. साथ ही वामपंथी कैडरों और दफ्तरों पर हुए हमलों की लिस्ट जारी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर उनके कार्यकर्ताओं को डराने और उनके मन में खौफ पैदा करने का आरोप लगाया है.
अगरतला से सीपीएम के पूर्व विधायक झुमु सरकार ने बताया कि उन्हें हर रोज़ हमले की धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने बताया कि झुमु सरकार के घर से कुछ दूरी पर स्थित लंगा पाड़ा में सीपीएम समर्थक की दुकान में आग लगा दी गई.वहीं, बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीपीएम वालों के पास कोई और मुद्दा नहीं रह गया है. वो हमें बदनाम करना चाहते हैं. सीपीएम के कार्यालयों को तोड़ा गया उसमें भी सीपीएम का ही हाथ था.