अद्धयात्म

दक्षिण भारत की इस नदी से निकलते हैं हजारों शिवलिंग

sahasra-linga-09शिवलिंग देखने दूर दूर से आते हैं लोग

शामला नदी के बीच चट्टानों पर बने ये शिवलिंग घटते जल-स्तर के साथ दिखाई देने लगते हैं। यही वजह है कि हिन्दू धर्म में आस्था रखने वालों और भगवान शिव का पूजन करने वाले भक्तों का यहां आए दिन तांता लगा रहता है।

बताया जाता है कि हजारों सालों से ये शिवलिंग यहीं पर विराजमान हैं। इस जगह को सहस्त्रलिंगा नाम से जाना जाता है। ये शिवलिंग कहां से आए, किसने बनवाए और कब से यहां पर इस बारे में कुछ भी ठीक अनुमान नहीं है।

मान्यताओं के मुताबिक, सिरसी के राजा सदाएश्वर्य (1678-1718) ने इन शिवलिंगों का निर्माण करवाया था। यही नहीं, विशेषज्ञ कहते हैं कि सैकड़ों की संख्या में मौजूद इन शिवलिंगों का कम्बोडिया से गहरा नाता है।

कुछ इसी तरह के शिवलिंग और शिव आकृतियां कम्बोडिया के प्रसिद्ध अंगकोर वाट मंदिर से कुछ दूरी पर मिले हैं। इस मंदिर से करीब 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित केब्ल स्पीन नामक स्थान पर पत्थरों पर देव आकृतियां मिलीं हैं। इन पत्थरों में पशुओं की आकृतियां भी निर्मित हैं।

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