अपराधदस्तक-विशेषराष्ट्रीय

दिल्ली दुष्कर्म : पीड़िता का मित्र अभी भी सदमे में

mitra(घटना की बरसी पर विशेष)

नई दिल्ली (एजेंसी)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसम्बर को हुए बर्बर सामूहिक दुष्कर्म की घटना का वह एकमात्र गवाह है। एक वर्ष पहले हुई इस जघन्य वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और पीड़िता के दोस्त अरविंद पांडेय का कहना है कि वह अभी भी सदमे में हैं और अपराध बोध से गुजर रहे हैं। 29 वर्षीय पांडेय अपनी 23 वर्षीय फिजियोथेरेपिस्ट दोस्त के साथ उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका स्थित बस स्टाप से बस पर चढ़े थे। उन्होंने कहा कि उनको केवल एक बात से संतोष है कि दोषियों में से चार को मृत्युदंड दिया गया है। लेकिन पांडेय की मांग है कि अरोपियों में से नाबालिग को भी कठोर दंड दिया जाए। पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित अपने घर से पांडेय ने फोन पर आईएएनएस से कहा  ‘‘मैं अक्सर खुद से पूछता हूं कि क्या इस पूरी घटना के लिए मैं जिम्मेदार हूं? मैं मॉल क्यों गया? मैं बस में क्यों चढ़ा? मैं दो हफ्ते तक ठीक से बोल भी नहीं पाया।’’ पांडेय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। पांडेय उस रात के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए थे और बाद में जीवित बच गए थे। उनकी दोस्त की 13 दिनों बाद मौत हो गई। बस में दुष्किर्मियों के बीच गुजरे भयावह 84 मिनटों को याद करते हुए पांडेय ने कहा कि जब उन्होंने ‘लाइफ ऑफ पाई’ फिल्म देखने का फैसला किया तो उनको पता नहीं था कि इसके कारण ऐसी बर्बर घटना घटेगी जो एक वर्ष बाद भी उनका पीछा करेगी। पांडेय ने कहा कि फिल्म देखने के बाद उन्होंने द्वारका स्थित अपने घर वापस लौटने के लिए आटो रिक्शा किराए पर लेने का प्रयास किया लेकिन आटो रिक्शा नहीं मिला। पांडेय ने कहा कि मुनिरका बस स्टाप पर बस पहले से ही खड़ी थी। बस में चढ़ते ही उनको आभास हुआ कि कुछ गड़बड़ है।

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