दीपावली पर ऐसे उपहार देने से बचे, शास्त्रों में है वर्जित…
27 अक्टूबर को देशभर में दीपों का पर्व दीपावली मनाई जाएगी। दीपावली की तैयारियां बहुत पहले से ही होने लगती है। लोग अपने घर की साफ-सफाई करते हैं ताकि मां लक्ष्मी का आगमन हो। दिवाली पर लोग अपने दोस्तों, पड़ोसियों और सगे- संबंधियो को उपहार भी देते हैं। कई बार लोग भूलवश एक दूसरे को कुछ ऐसे गिफ्ट दे देते हैं जिसका नकारात्मक प्रभाव दोनों पर पड़ता है। शास्त्रों में कुछ उपहार वर्जित और अशुभ माना गया है।
भगवान कृष्ण और अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में गीता का उपदेश देते हुए का चित्र न तो किसी को उपहार में किसी को देना चाहिए और न ही घर की दीवार पर लगना चाहिए।
अक्सर लोग दिवाली के समय एक दूसरे को देवी-देवताओं के चित्र को देते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि ऐसे चित्र जिनमें देवता उग्र अवस्था में या युद्ध करते हुए दिखाई दें, उपहार में नहीं देना चाहिए।
शास्त्रों में ऐसे उपहार जैसे रामायण, महाभारत, ग्रहण, जंगली जानवर, अकाल और सूर्यास्त की तस्वीरों को उपहार में ना ही किसी को देना चाहिए और ना ही लेना चाहिए।
दिवाली पर मां लक्ष्मी का इंतजार सभी करते हैं। ऐसे में अगर किसी को उपहार में मां लक्ष्मी की फोटो देनी हो तो हमेशा बैठी हुई मां लक्ष्मी की अवस्था का चित्र ही देना चाहिए। शास्त्रों में लक्ष्मीजी का घर में बैठना अथवा स्थिर अवस्था में ही शुभ माना जाता है।
नीचे गिरते हुए झरने के पानी का चित्र भी उपहार में नहीं देना चाहिए और न ही किसी से लेना चाहिए।
उपहार में कभी भी कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस या बोनसोई के पौधे नहीं देना चाहिए। यह लेने और देने वाले दोनों के लिए अशुभ होता है।
उपहार में नुकीली चीजों को नहीं देना चाहिए ऐसा करने से उपहार देने वाले और लेने वालो के बीच में कटुता पैदा होती है।