दुनिया का सबसे खतरनाक देश पाकिस्तान, सीरिया से भी तीन गुना ज्यादा
अमेरिकी धमकियों के बाद भी पाकिस्तान आतंकवाद का सुरक्षित पनाहगाह बना हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सबसे अधिक आतंकी बेस हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है और पाकिस्तान में आतंकी हमलों का खतरा सीरिया से तीन गुना अधिक है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रेटेजिक फोरसाइट ग्रुप की रिपोर्ट ‘ह्यूमैनिटी ऐट रिस्कः ग्लोबल टेरर इंडिकेट’ में ये बातें कही गई हैं। रिपोर्ट में पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का समर्थक बताया गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकी हमले का रिस्क सीरिया के मुकाबले तीन गुना अधिक है। सर्वे के मुताबिक अफगान तालीबान और लश्कर-ए-तैयबा से आतंकवाद को सबसे अधिक खतरा है। आतंकियों के सुरक्षित पनाहगाह की लिस्ट में पाकिस्तान टॉप पर है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान में अभी भी आतंकवादियों को संरक्षण मिल रहा है और वे फल-फूल रहे हैं। जिसका नतीजा यह है कि पाकिस्तान सीरिया से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंक की वजह से सीरिया के मुकाबले पाकिस्तान से मानवता को 3 गुना ज्यादा खतरा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और स्ट्रैटजिक फॉरसाइट ग्रुप द्वारा ”ह्यूमैनिटी एट रिस्क- ग्लोबल टेरर थ्रेट इंडिकेंट” के नाम से रिपोर्ट प्रकाशित की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक एक तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगान तालिबान और लश्कर-ए-तैयबा की वजह से जहां सबसे ज्यादा खतरा है। तो दूसरी तरफ, पाकिस्तान उन देशों की लिस्ट में सबसे उपर है, जहां सबसे ज्यादा आतंकियों ने पनाह ले रखी है और यह उनके लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक अगर हम दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों पर नजर डालें तो इनमें से ज्यादातर संगठनों को या तो पाकिस्तान का संरक्षण प्राप्त है या उनकी मदद करता है। दूसरी तरफ, अफगानिस्तान के भी तमाम आतंकी संगठन पाकिस्तान की मदद से संचालित किये जाते हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ”चरमपंथ में इजाफा और हथियारों के बेजा इस्तेमाल की वजह से मानव विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी आपस में जुड़े यानी इंटरलिंक्ड हैं”। गौरतलब है कि 80 पन्नों से ज्यादा की रिपोर्ट में अगले एक दशक में सुरक्षा चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की गई है और आतंकवाद से निपटने के लिए नीति निर्धारकों को फ्रेमवर्क भी सुझाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, “आंकड़ों के लिहाज से सबसे खतरनाक आतंकी संगठनों की बात करें तो ज्यादातर संगठन पाकिस्तान से संबद्ध हैं। वहीं कुछ समूह अफगानिस्तान के हैं जिनका संचालन पाकिस्तान के सहयोग से होता है।” एसआई ने 200 ऐसे समूहों का विश्लेषण किया है जो 21वीं सदी के पहले पांच सालों में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। इन समूहों में पिछले पांच सालों में आईएसआईएस को सबसे ज्यादा मीडिया कवरेज मिला। लेकिन आईएसआईएस के अचानक आगे बढ़ने और अचानक ही इसके पतन के बाद अल-कायदा सबसे लचीला आतंकी नेटवर्क बना हुआ है। 2011 तक इसका नेतृत्व ओसामा बिन लादेन के हाथ में था अब खबर है कि ओसामा का बेटा हम्जा बिन लादेन इसका नेतृत्व कर रहा है। इस रिपोर्ट में अफगानिस्तान, लीबिया, सीरिया और यमन से संचालित होने वाले आतंकी संगठनों का भी जिक्र है। पिछले पांच वर्षों में आतंकी संगठन आईएसआईएस ने मीडिया में सर्वाधिक जगह बनाई। हालांकि इस संगठन का जितनी तेजी से उभार हुआ, उतनी ही तेजी से नीचे भी आया। ऐसे में अल कायदा अभी भी सबसे खतरनाक संगठन बना हुआ है। अल कायदा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और फिर पाकिस्तान के प्रभाव वाले अफगानिस्तान में जड़ें जमाता गया। इस संगठन के मुखिया ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में ही संरक्षण मिला था और वह ऐबटाबाद में पाकिस्तानी मिलिट्री बेस के नजदीक रह रहा था।