दुष्कर्म के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता हुई रद
लखनऊ: उन्नाव में दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा पाने वाले कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई है। इस बाबत उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने अधिसूचना जारी की है। कुलदीप सिंह सेंगर भारतीय जनता पार्टी के उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से सदस्य थे। भाजपा ने दुष्कर्म का आरोप लगने पर सेंगर को पार्टी से बाहर कर दिया था।
कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता 20 दिसंबर 2019 से ही खत्म मानी जाएगी। इसी दिन सेंगर को सजा सुनाई गई थी। उत्तर प्रदेश में अब बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र में उप चुनाव होगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता समाप्त कर दी है। विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप कुमार दुबे की ओर से जारी की गई अधिसूचना में सेंगर की सदस्यता उस दिन से ही समाप्त की गई है, जिस दिन उसे सजा सुनाई गई थी। अधिसूचना के मुताबिक 20 दिसंबर 2019 से उन्नाव जिले की बांगरमऊ विधानसभा सीट को रिक्त घोषित किया गया है।
कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीडऩ), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और पाक्सो के तहत दोषी ठहराया गया था। भारतीय जनता पार्टी ने सेंगर को एक अगस्त 2019 को निष्कासित कर दिया था। कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव में 2017 के दुष्कर्म प्रकरण में दोषी हैं और मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। पीडि़ता ने 4 जून 2017 को सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर लखनऊ में सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया था।
भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को जनवरी में दिल्ली उच्च न्यायालय से इस सजा केमामले में कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उसे सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने से इनकार कर दिया था। दोष सिद्धि और सजा के खिलाफ सेंगर की याचिका पर अदालत ने पीड़िता से जवाब भी मांगा है। उन्नाव केस के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर फिलहाल तो दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद है। तीस हजारी कोर्ट ने इस मामले में अगस्त में ही आरोप तय कर दिया था। कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 दुष्कर्म, 363 अपहरण, 120 बी आपराधिक षड्ंयत्र, 366 अपहरण और महिला पर विवाह के लिए दबाव डालना, और बाल यौन अपराध सरक्षण कामून की प्रासंगिक धारा के तहत आरोप तय किए हैं।
उन्नाव के चर्चित किडनैपिंग और गैंगरेप केस में 20 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने विधायक पर 25 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया गया है, जिसमें से 10 लाख पीड़िता को बतौर मुआवजा देने होंगे, जबकि 15 लाख रुपए अभियोजन पक्ष को मिलेंगे। कुलदीप सिंह सेंगर पर आरोप है कि 2017 में उसने पीड़िता को अगवा कर दुष्कर्म किया उस समय वो नाबालिग थी। सेंगर के साथ कोर्ट ने शशि सिंह पर भी आरोप तय किए हैं। सेंगर पर आरोप लगाने वाली महिला की कार को जुलाई में एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी। दुर्घटना में महिला की दो रिश्तेदार मारी गईं और उसके परिवार ने इसमें षड्यंत्र होने के आरोप लगाए थे।