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दो दिन बाद है सूर्यग्रहण, जानिए किस राशि पर कैसा पड़ेगा असर ?

गुरुवार को पड़ने वाला सूर्य-ग्रहण भारतवर्ष में पड़ने वाला दूसरा प्रमुख ग्रहण है। इसके पूर्व १६ जुलाई मंगलवार को चन्द्र-ग्रहण भी उत्तराषाढ़ नक्षत्र,धनुराशि पर ही पड़ा था। आगामी २६ दिसम्बर का सूर्य-ग्रहण भी मूल नक्षत्र,धनुराशि पर ही है। पूर्व की जनश्रुति के अनुसार कहा गया है कि “षट माह दुई गहना,राजा मरै कि सेना।।”अर्थात् छः माह के अन्दर यदि दो ग्रहण पड़े तो या तो राजा पर घात करता है या फिर सेना यानि जनता किसी न किसी रूप में त्रस्त होती है।

आगामी सूर्य-ग्रहण के स्पर्श-समय पर पांच ग्रह-सूर्य,चंद्रमा,वृहस्पति,शनि एवं केतु एक साथ मकर लग्न से बारहवें स्थान पर एकत्रित रहेंगे,ये पंच-ग्रह धनुराशि पर रहेंगे जो देश काल की दृष्टि से निम्न एवं घात योग बना रहे हैं। रक्तपात,हिंसा एवं विरोध की भावना अनायास जन-मानस में व्याप्त होगी।देश की आर्थिक-व्यवस्था पर इस ग्रहण का विपरीत प्रभाव पड़ेगा,जो जन सम्पत्ति की क्षति के रूप में दृष्टिगत होगा।असमय उपल-वृष्टि से कृषि की क्षति होगी,शीत का प्रकोप बढ़ेगा। भारतवर्ष के लगभग सभी क्षेत्र में दृश्य इस खण्डसूर्यग्रहण का प्रभाव जन- जीवन पर तो विपरीत पड़ेगा ही साथ ही बारहो राशियां पृथक-पृथक भाव में ग्रहण से प्रभावित रहेंगी।विशेषकर धनुराशि वालों के लिए यह सूर्य-ग्रहण असहनीय कष्टकारक होगा। इसके अतिरिक्त सभी राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव:

मेष राशि- मान-नाश, स्त्री-कष्ट।

वृषराशि- भौतिक सुख के साथ शारीरिक पीड़ा भी होगी।

मिथुन राशि- मानसिक चिन्ता।

कर्क राशि- स्वास्थ्य-बाधा, सौख्य।

सिंह राशि-व्याधि एवं चिन्ता।

कन्या राशि-व्यथा।

तुला राशि- श्री एवं धन प्राप्ति।

वृश्चिक राशि- कार्य-क्षति।

धनु राशि- घात, मृत्युतुल्य पीड़ा।

मकर राशि- अनेकश: हानि।

कुम्भ राशि- धन प्राप्ति एवं लाभ।

मीन राशि- शारीरिक एवं राज्य-सुख।

इस तरह कमोबेश सभी राशियां ग्रहण से प्रभावित रहेंगी। अंतः ग्रहण काल में सूर्य का दर्शन न करें तथा “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” इस मन्त्र का जाप करें। ग्रहण के बाद पहना हुआ वस्त्र, काला तिल, सरसों का तेल, तथा नमक दान कर दरिद्रनारायण को दें; ऐसा करने से ग्रहण का प्रकोप कम होगा। ग्रहण का स्पर्श-प्रातः ८ बजकर १८ मिनट पर होगा। ग्रहण की समाप्ति दिन में-११ बजकर १३ मिनट पर होगी। अतः सम्पूर्ण ग्रहण-काल में भगवत-भजन ,जाप करते रहना श्रेयस्कर होगा।

।।शुभमस्तु ।।

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