दो दुश्मन बने दोस्त : 65 साल में पहली बार अमेरिका-उ.कोरियाई में करार
सिंगापुर : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग-उन के बीच मंगलवार को पहली बार कापेला होटल में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने करीब 12 सेकंड तक हाथ मिलाया। इसके बाद इनके बीच करीब 45 मिनट तक बातचीत चली। 65 साल चले विवाद के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच दस्तावेज पर हस्ताक्षर हुए। किम ने कहा कि लोगों को ये मुलाकात किसी साइंस फिक्शन फिल्म की तरह लग सकती है। इसके लिए 6 महीने से कोशिशें हो रही थीं। बीच में कई बार ऐसा लगा कि दोनों नेता शायद ही आमने-सामने आएं। ट्रम्प ने एक बार मुलाकात रद्द भी कर दी थी, लेकिन किम ने उम्मीद नहीं छोड़ी। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहॉवर (1953) से लेकर बराक ओबामा (2016) तक 11 अमेरिकी राष्ट्रपतियों ने उत्तर कोरिया का मसला सुलझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी थी। 71 साल के डोनाल्ड ट्रम्प और 34 साल के किम जोंग-उन के बीच इस मुलाकात में कैमिस्ट्री अच्छी दिखी। दोनों ने पहली मुलाकात में करीब 12 सेकंड तक हाथ मिलाया। लेकिन जानकार इसे गर्मजोशी की मुलाकात नहीं मान रहे हैं। क्योंकि ट्रम्प किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या अफसर से मिलते वक्त उनसे देर तक हाथ मिलाते हैं और सामने वाले का हाथ जोर से हिलाते हैं। हाल में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से उन्होंने 19 सेकंड तक हाथ मिलाया था। किम से मुलाकात में ऐसा उनकी बेहद गर्मजोशी भरा भाव नहीं दिखा। किम ही ट्रम्प का हाथ जोर से हिलाते दिखे। ट्रम्प ने कहा कि किम के साथ मुलाकात बहुत अच्छी रही। उत्तर कोरिया के साथ शानदार रिश्ते रहेंगे। किम ट्रम्प के सम्मान में मुलाकात के वक्त से 7 मिनट पहले ही पहुंच गया था। उधर, ट्रम्प ने किम के सम्मान में इस बैठक के लिए लाल टाई पहनी। इसकी वजह है कि उत्तर कोरिया के लोग लाल रंग को बेहद पसंद करते हैं। इस बैठक का मकसद परमाणु निरस्त्रीकरण है। यदि किम परमाणु निरस्त्रीकरण की तरफ बढ़े, तो यह ट्रम्प की जीत होगी। इसके बाद अमेरिका, उ. कोरिया के सामने निरस्त्रीकरण की शर्त रख कर उससे आर्थिक प्रतिबंध हटा सकता है। अमेरिका द. कोरिया में मौजूद अपने 23 हजार सैनिकों को भी वापस बुला सकता है। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने पिछले दिनों अपने परमाणु कार्यक्रम को रद्द कर दिया और परीक्षण साइट तक खत्म कर दी।