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द. अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया को दिखाना होगा दम
कटक। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले ही मुकाबले में हारी भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सोमवार को यहां होने वाला दूसरा टी-20 मैच ‘करो या मरो’ का होगा जिसमें जीत जहां उसे बराबरी दिला देगी तो हार से सीरीज मेहमान टीम की झोली में चली जाएगी।
तीन टी-20 मैचों की सीरीज में दक्षिण अफ्रीका पहला मैच जीतकर 1-0 से आगे है और अब उसकी कोशिश इस प्रदर्शन को दोहराकर सीरीज कब्जाने की है।
हालांकि पिछले मैच के साथ ही टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में कप्तानी का अर्धशतक लगा चुके महेंद्र सिंह धोनी इस बार अधिक सर्तकता के साथ उतरेंगे और उम्मीद है कि वह पिछली गलतियों से सबक लेते हुये बेहतर रणनीति बनाएंगे।
भारतीय टीम ने धर्मशाला में बेहतरीन प्रदर्शन कर दक्षिण अफ्रीका के सामने 200 रन का बड़ा लक्ष्य रखा था लेकिन अच्छी शुरूआत के बावजूद उसके गेंदबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन ने बल्लेबाजों की मेहनत पर पानी फेर दिया था।
दक्षिण अफ्रीकी टीम के पास बल्लेबाजों के साथ साथ गेंदबाजों का भी बेहतर संयोजन है और विदेशी जमीन पर उसका अच्छा रिकार्ड साबित करता है कि भारत की राह उतनी भी आसान नहीं होने वाली है।
पिछले मैच के हीरो रहे दक्षिण अफ्रीकी आलराउंडर जे पी डुमिनी ने टीम के शुरूआती तीन विकेट गिरने के बावजूद अपनी नाबाद 68 रन की पारी से पूरे मैच का रूख पलट कर रख दिया था और इस बार भी सबसे अधिक निगाहें उन्हीं पर होंगी।
डुमिनी के उपमहाद्वीप की पिचों पर इतने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय इंडियन प्रीमियर टी-20 लीग को भी जाता है और इसी अनुभव को उन्होंने अपनी जमीन पर खेल रही भारतीय टीम के खिलाफ बखूबी इस्तेमाल किया।
भारतीय टीम के खिलाड़ियों के साथ-साथ इस सीरीज में खेल रहे दक्षिण अफ्रीका के कई खिलाड़ी आईपीएल में विभिन्न टीमों की तरफ से खेलते हैं और इसीलिये उनके लिये यहां की पिचों के अनुकूल खुद को ढालने में उतनी कठिनाई नहीं हुई है और इसका असर उनके प्रदर्शन पर दिख रहा है।
डुमिनी के अलावा डेविड मिलर, इमरान ताहिर, एबी डीविलियर्स आईपीएल में कई टीमों का चेहरा हैं और टीम इंडिया के खिलाड़ियों के खेल और रणनीतियों को भी समझते हैं। ऐसे में धोनी के धुरंधरों के सामने हर विभाग में और दम खम के साथ खेलना जरूरी है।
पिछले मैच में सात विकेट से मिली हार के बाद कप्तान ने माना था कि कई मौके आए जिन्हें टीम भुना नहीं सकी और गेंदबाजों ने काफी रन लुटाए। हालांकि धोनी ने हमेशा की तरह अपने गेंदबाजों का बचाव किया था और खासतौर पर अक्षर पटेल का जिस तरह से उन्होंने समर्थन किया उससे साफ है कि उनकी योजनाओं में अक्षर को आगे भी मौका मिल सकता है।
यदि पिछले मैच की कोई कमजोर कड़ी हैं तो वह निश्चित ही अक्षर रहे जिनके एक ओवर ने मैच का रूख बदल कर रख दिया जिसमें डुमिनी ने धुआंधार छक्के उड़ाए।
अक्षर ने चार ओवर में सबसे महंगी गेंदबाजी करते हुये 45 रन लुटाए। यदि धोनी अक्षर को मौका देते हैं तो जाहिर है कि लेग स्पिनर अमित मिश्रा को बाहर ही बैठना होगा। इससे पहले भी कई मौकों पर धोनी ने मिश्रा में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है।
धोनी ने धर्मशाला में कहा था कि वह पांच विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ खेल रहे हैं और फिलहाल उनमें से किसी एक स्पिनर को बाहर कर मिश्रा को टीम में शामिल नहीं किया जा सकता है। कप्तान की योजना है कि ऐसे गेंदबाजों को मौका दिया जाए जो निचले क्रम पर थोड़े बहुत रन भी बना सकें। अक्षर ने पिछले मैच में मात्र दो रन ही बनाए थे लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि धोनी टीम में अपने नजरिये से ही फैसले लेते हैं।
भारत के गेंदबाजी विभाग में अक्षर ही नहीं तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार , मध्यक्रम के तेज गेंदबाज मोहित शर्मा को भी प्रदर्शन में सुधार की दरकार है। भुवनेश्वर और मोहित दोनों ने ही चार चार ओवरों में 10 के खराब औसत से 40 रन उड़ाए थे जबकि श्रीनाथ अरङ्क्षवद ने 3.4 ओवर में 44 रन दिये।
केवल अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने चार ओवर में सबसे सटीक गेंदबाजी कर 26 रन पर एक विकेट निकाला। दक्षिण अफ्रीका के धाकड़ बल्लेबाजों को बांधने के लिये एक बार फिर अश्विन पर अधिक जिम्मेदारी होगी। साथ ही उम्मीद कर सकते हैं कि अक्षर पिछले प्रदर्शन और उसके कारण आलोचनाओं से सबक लेते हुये सुधार करेंगे।
इसके अलावा बल्लेबाजों पर भी लय बरकरार रखने का दबाव रहेगा। पिछले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले ओपनर रोहित शर्मा ने अकेले दम पर बड़ा स्कोर खड़ा करने में मदद की थी जबकि टेस्ट कप्तान विराट कोहली ने भी 43 रन की अहम पारी खेली थी लेकिन उसके अलावा शिखर धवन ,सुरेश रैना और अंबाती रायुडू प्रभावित नहीं कर सके थे।
धवन जहां चार गेंदों बाद ही लौट गये तो रैना भी टिककर नहीं खेल सके। निचले क्रम में रायुडू ने भी एक ही गेंद खेली। जरूरी नहीं है कि रोहित एक बार फिर शतक ही बनाएं इसलिये अन्य बल्लेबाजों को अपना अपना योगदान देना होगा। भारत को इस बात को याद रखने की जरूरत है कि उसके सामने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है जिसमें हाशिम अमला, एबी डीविलियर्स, फॉफ डू प्लेसिस और डुमिनी जैसे खिलाड़ी हैं।
सीरीज कब्जाने के लिये निश्चित ही मेहमान टीम के बल्लेबाज फिर से इसी प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे। गेंदबाजों में इमरान ताहिर, काइल एबोट, क्रिस मोरिस और आलराउंडर डुमिनी की भूमिका अहम रहेगी।