धरती निगली या खा गया आसमा, 35 दिन हो गये फिर भी नही है हनीप्रीत कोई खबर
हनीप्रीत एक ऐसी पहेली बन गई, जो सुलझने का नाम नहीं ले रही. पिछले 35 दिनों से सात सूबों की पुलिस उसके पीछे पड़ी है, लेकिन हनीप्रीत का कोई अता-पता नहीं है. ऐसा तब है जबकि शहर-शहर उसके देखे जाने की खबरें आती रहती हैं. लेकिन जब तक पुलिस पहुंचती है, हनीप्रीत रफूचक्कर हो जाती है.
25 अगस्त को पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत से दोषी करार दिए जाने के बाद गुरमीत को जब रोहतक के सुनारिया जेल ले जाया जा रहा था, तब हनीप्रीत भी हेलीकॉप्टर पर उसके साथ बैठी थी. उसके बाद से हनीप्रीत की कोई तस्वीर सामने नहीं आई है, सिवाय दिल्ली में मिले सीसीटीवी के तस्वीर के.
जी हां, 25 अगस्त को आखिरी बार हेलीकॉप्टर पर हनीप्रीत नजर आई थी. इसके ठीक एक महीने बाद हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्या के लाजपतनगर स्थित दफ्तर के बाहर लगी सीसीटीवी से हरियाणा पुलिस ने ये वीडियो हासिल किया था, जिसमें एक बुर्केवाली लड़की एक वकील के साथ दिख रही है, जिसके हनीप्रीत होने का शक है.
हालांकि हनीप्रीत के वकील के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करने के लिए हनीप्रीत जरूरी कागगात पर साइन करने उनके दफ्तर आई थी. राम रहीम की राजदार और डेरा सच्चा सौदा सिरसा की चेयरपर्सन विश्यना इंसां ने दावा किया है कि हनीप्रीत से उसका आखिरी बार संपर्क 26 अगस्त को हुआ था.
विपश्यना के मुताबिक, हनीप्रीत 25-26 अगस्त की दरम्यानी रात सिरसा डेरे में आई थी. उस वक्त डेरे में विपश्यना खुद मौजूद थी. डेरे में रात गुजारने के बाद हनीप्रीत बगैर बताए निकल गई. डेरा से आखिरी बार उसने अगले रोज यानी 27 अगस्त को संपर्क किया. उसके बाद से उसने किसी से कोई बात नहीं की है.
इस तरह 26 अगस्त से 2 अक्टूबर. पूरे 35 दिन बीत चुके हैं. हनीप्रीत की तलाश में पुलिस के हाथ खाली हैं. जबकि हर दूसरे और तीसरे दिन उसके ठिकानों को लेकर ढेरों दावे सामने आते रहे. सिरसा से लेकर हनुमानगढ़ तक, दिल्ली से लेकर नेपाल तक हर जगह खाक छान चुकी है पुलिस, लेकिन हनीप्रीत का कोई सुराग नहीं.
लाख टके का सवाल यही है कि कहां है हनीप्रीत? पुलिस के हाथ कब आएगी हनीप्रीत? कभी बिहार तो कभी नेपाल, कभी राजस्थान तो कभी दिल्ली. हनीप्रीत की तलाश में पुलिस ने कहां-कहां की खाक नहीं छानी, लेकिन पुलिस को हनी नहीं मिली है. हालत अब ये है कि पुलिस वाले ही आरोपों के घेरे में आ गए हैं.
21 सितंबर की दोपहर अचानक खलबली मच गई. खबर आई कि अब हनीप्रीत पुलिस की गिरफ्त में आने ही वाली है. पुख्ता जानकारी पर पूरे लावलश्कर के साथ पुलिस राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के गांव गुरसर मोडिया में छापा मारने पहुंची थी. मुखबिर की खबर पक्की थी. लेकिन नतीजा निकला सिफर.
– हनीप्रीत 27 और 28 अगस्त को अपने भाई के ससुराल हनुमानगढ़ में रही. 29 अगस्त को जब पुलिस यहां पहुंची तो वो रफूचक्कर हो चुकी थी.
– 30 अगस्त को राजस्थान के ही सांगरिया में एक भक्त के घर रही. यहां भी पुलिस उसके निकल जाने के बाद पहुंची.
– 2 सितंबर को उदयपुर के शॉपिंग मॉल में नजर आई, लेकिन यहां पुलिस को सिर्फ़ डेरे का एक केयरटेकर मिला.
– उसके नेपाल जाने की ख़बर सामने आ गई. वहां रेडियो के जरिये हनीप्रीत की तलाशी के लिए मुनादी भी की गई
– नेपाल में कामयाबी ना मिलने के बाद पुलिस ने उसे 21 सितंबर को राम रहीम के गांव गुरसर मोडिया में घेरा, लेकिन यहां से भी वो निकल गई.
– 25 सितंबर को दिल्ली के लाजपत नगर में अपने वकील के पास आई, दो घंटे रुकी, लेकिन पुलिस यहां उसकी सीसीटीवी फुटेज देखकर दो दिन बाद पहुंची.
– पुलिस ने गुड़गांव के एक फ्लैट समेत कई जगह दबिश दी, लेकिन हर जगह से हनीप्रीत पुलिस के आने से पहले भाग गई.