धार्मिक संगठनों के पंजाब बंद के चलते स्कूल-कॉलेजों पर असर
दस्तक टाइम्स/एजेंसी: सिख जत्थेबंदियों द्वारा बुलाई गयी पंजाब बंद के कारण गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में जनजीवन प्रभावित हुआ है. बंद के चलते भटिंडा, अमृतसर, मुक्तसर, मोगा, फरीदकोट समेत कई जिलों में स्कूल कॉलेज बंद हैं.
बंद के आह्वान को देखते हुए स्कूलों ने अचानक छुट्टी कर दी जिस से बच्चे और पैरेंट्स काफी परेशान दिखे. सुबह-सुबह जब पैरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने आये तो स्कूल स्टाफ ने उनको स्कूल में छुट्टी होने की सूचना दी.
फरीदकोट के शहर बगराडी में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी और सिक्खों पर पुलिस गोलीबारी और लाठी चार्ज के विरोध में संत समाज और सिख जत्थेबंदियों ने एक दिन के शांतिपूर्ण पंजाब बंद का आह्वान किया है.
बंद के मद्देनजर पंजाब पुलिस ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा-व्यवस्था मजबूत कर दी है.
पंजाब के फरीदकोट में धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर भड़की हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं. इसके साथ ही सरकार ने इसमें शामिल लोगों के बारे में सूचना देने पर एक करोड़ रुपये के नकद इनाम की घोषणा भी की है. इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 से ज्यादा लोग जख्मी हो गए हैं. इस घटना के बाद लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया. दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि सांप्रदायिक तनाव फैलाने और शांति को अस्थिर करने के उद्देश्य से साजिश की गई है.
दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी. उन्होंने दोषियों का पता लगाने के लिए एडीजीपी (अपराध) आईपीएस सहोता के नेतृत्व में एक एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया. इसमें डीआईजी आरएस खट्टरा और अमर सिंह चहल भी शामिल होंगे. उन्होंने लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहों को लेकर भी आगाह किया.
बताते चलें कि भठिंडा कोटकपूरा मार्ग पर स्थित एक धार्मिक स्थल से एक पवित्र पुस्तक चोरी हो गई थी. इसी के विरोध में फरीदकोट में करीब 6000 सिख कार्यकर्ता उनकी धार्मिक पुस्तक के कथित अपमान को लेकर सड़कों पर उतरे थे. वे लोग आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान उनमें से कुछ लोगों ने पुलिस पर पत्थर फेंके तो पुलिस ने उन्हें वहां से चले जाने के चेतावनी दी.
उसके बाद नाराज सिख प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हो गया. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. भीड़ ने आगजनी और पथराव शुरु कर दिया. प्रदर्शनकारियों ने जहां पत्थर फेंके वहीं पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारों से भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. इस हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों सहित 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं.
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