नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट जगत की अद्भूत और असाधारण शख्सियतों में अपना नाम शुमार कर सफलता के नये मुकाम कायम करने वाले राष्ट्रीय टीम के कप्तान झारखंड के महेंद्र सिंह धौनी ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10 वर्ष पूरे कर लिये। 10 वर्ष पहले 23 दिसंबर 2004 को चटगांव में बंगलादेश के खिलाफ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखने वाले धौनी ने 23 वर्ष की उम्र में झारखंड से निकलकर दुनिया पर छा जाने के लिये कदम बढ़ाया और क्रिकेट की दुनिया में लोकप्रियता बटोरी। भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान धौनी ने कपिल देव के बाद देश को उसका दूसरा आईसीसी विश्वकप दिलाकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया। वह भारत के एकमात्र कप्तान भी बने जिन्होंने वनडे विश्वकप, ट्वेंटी 20 विश्वकप और चैंपियंस ट्रॉफी दिलाकर आईसीसी के तीनों टूर्नामेंट का खिताब भारत की झोली में डाला। अपनी रणनीतियों, शांत स्वभाव और बेबाक अंदाज के लिये प्रसिद्ध धौनी ने वर्ष 2007 में अपनी पदार्पण कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका में भारत को पहली बार ट्वेंटी 20 विश्व चैंपियन बनाया जबकि 2011 में अपनी कप्तानी में आईसीसी वनडे विश्वकप जिताया। इंग्लैंड में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी दिलाकर धौनी ने तीनों प्रतिष्ठित खिताब देश को जिताने की उपलब्धि भी अपने नाम की। भारतीय कप्तान ने टेस्ट और वनडे में टीम इंडिया को आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचाया। धौनी ने श्रीलंका के खिलाफ दिसंबर 2005 में टेस्ट क्रिकेट में कदम रखा और 59 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का नेतृत्व भी किया। अपने करियर में 89 टेस्ट खेल चुके धौनी ने इस प्ररूप में 4841 रन बनाये। इसके अलावा 250 वनडे में उन्होंने 8192 रन अपने नाम किये। खेल के सबसे छोटे प्ररूप ट्वेंटी 20 में 50 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उनके नाम 849 रन दर्ज है। एजेंसी