नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेताओं और देशभर के कार्यकर्ताओं की शुक्रवार से शुरू हुई तीन दिवसीय चिंतन बैठक में जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा हो सकती है। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद संघ में फैसले लेने वाले उसके शीर्ष निकाय प्रतिनिधि सभा की इस पहली बैठक में विविध मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। इसमें जम्मू कश्मीर में गठबंधन सहयोगी पीडीपी के साथ भाजपा का असहज संबंध भी शामिल हो सकता है। हाल ही में जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा कश्मीरी अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के बाद भाजपा और पीडीपी के बीच संबंधों में तल्खी देखी गई। वैसे आरएसएस प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया जाने वाला है। बैठक में केंद्र की नीतियों खासकर शिक्षा के क्षेत्र में उसकी नीतियों को आकार देने में आरएसएस की भूमिका पर भी चर्चा होने की संभावना है। संघ शिक्षण संस्थानों के पाठय़क्रमों को लेकर लगातार सरकार के संपर्क में है। वैद्य ने कहा, इस बैठक में करीब 1400 प्रतिनिधि शामिल होंगे जो नए सरकार्यवाह का चुनाव भी करेंगे। बैठक में संगठन के विस्तार के तौर तरीकों पर भी चर्चा होगी। प्रतिनिधि महासचिव का चुनाव करेंगे जिस पद पर फिलहाल सुरेश उर्फ भैयाजी जोशी आसीन हैं। ऐसी अटकल है कि जोशी का स्थान संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबुले ले सकते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समङो जाते हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी महासचिव राममाधव और विहिप नेता प्रवीण तोगड़ियां बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में शामिल होंगे।