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नीतीश के फैसले पर शरद यादव ने तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली: नीतीश कुमार के बिहार में महागठबंधन से अलग होकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ सरकार बनाने से नाखुश जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा है कि राज्य में जो कुछ हुआ है उससे वह सहमत नहीं है और उन्हें महागठबंधन टूटने का अफसोस है। कुमार ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस समेत अन्य दलों के महागठबंधन से अलग होकर 27 जुलाई को राजग के साथ मिलकर सरकार बनाई है। यादव इस फैसले से नाखुश बताये जा रहे थे और उन्होंने आज पहली बार इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी। संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में राज्यसभा सांसद ने कहा, जो परिस्थिति है , वह अप्रिय है। देश की और बिहार की 11 करोड़ जनता के लिए यह ठीक नहीं हुआ है। बिहार में जो कुछ घटित हुआ मैं उससे सहमत नहीं हूं। राज्य की जनता ने जनादेश इसलिये नहीं दिया था, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटनाक्रम के बाद यादव के साथ ही पार्टी के एक अन्य सांसद अली अनवर ने अपनी नाखुशी जताई थी।

मनाने के लिए जेतली ने की है यादव से बात
मीडिया में इस तरह की खबरें भी आई थी कि यादव को मनाने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेतली ने उनसे बातचीत की है। राजद प्रमुख लालू यादव ने यादव को अपने साथ आने और सांप्रदायिक ताकतों से लडऩे के लिए अगुवाई का आह्वान भी किया है। यादव के बयान से यह साफ हो गया है कि राजग की तरफ से उन्हें मनाने के प्रयास अभी सफल नहीं हुए हैं। यादव के खिलाफ जद (यू) का कोई नेता अभी तक खुलकर नहीं बोल रहा है। पार्टी के प्रवक्ता के सी त्यागी ने इतना जरूर कहा है कि यादव पार्टी के वरिष्ठ नेता है और उनकी बात पूरे सम्मान के साथ जरूर सुनी जाएगी।

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