राष्ट्रीय

नेहरू की नीतियों पर शाह ने उठाए सवाल, बोले….

l_amit-shah-1467259656नई दिल्ली। एक अरसे से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की नीतियों पर हमलावर रही भाजपा ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि नेहरू की ऐतिहासिक भूल की वजह से कश्मीर समस्या बन गया है। अगर नेहरू 1948 में आगे बढ़ रही भारतीय सेनाओं को रोककर संघर्ष विराम की घोषणा नहीं करते तो धरती का स्वर्ग समस्यामुक्त रहता।

नेहरू मेमोरियल संस्थान में ‘डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी- एक नि:स्वार्थ देशभक्त’ के जीवन पर बुधवार को आयोजित प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह आरोप लगाया । समारोह में शाह ने कहा कि अचानक ही बिना किसी कारण के संघर्ष विराम कर दिया गया। देश को आज तक पता नहीं है कि आखिर ऐसा क्यों किया गया।

शाह ने दावा किया कि यह फैसला नेहरू ने अपनी छवि सुधारने के लिए किया था। उन्होंने कहा कि इस फैसले की वजह से आज कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के पास है।

शाह ने कहा कि एक ‘बड़ा तबका’ मानता है कि मुखर्जी की मौत दरअसल ‘हत्या’ थी और अगर इसकी जांच की गई होती तो सच सामने आ सकता था। 

शाह ने कहा कि मुखर्जी ने बंगाल में हिंदुओं की चिंताओं को प्रमुखता से उठाया था। अगर आज कोलकाता भारत का हिस्सा है तो इसका श्रेय सिर्फ  श्यामा प्रसाद मुखर्जी को ही दिया जा सकता है। 

शाह ने दावा किया कि अगर आजादी के समय कांग्रेस नेतृत्व ने जल्दबाजी न की होती तो भारत का विभाजन रोका जा सकता था। शाह ने कहा कि आजादी के समय पूरा कांग्रेस नेतृत्व आजाद होने के लिए बेचैन लेकिन उस समय एक युवा नेता ने सोचा कि गलती नहीं होनी चाहिए और बंगाल को बचा लिया गया था। समारोह में त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने भी वर्ष 1953 में कश्मीर में मुखर्जी की मौत से जुड़ी परिस्थितियों पर सवाल उठाए।

Related Articles

Back to top button