नॉर्थ कोरिया की कैद से रिहा हुए अमेरिकी छात्र की मौत, पोस्टर चोरी करने का था आरोप
नॉर्थ कोरिया की कैद से कोमा की हालत में रिहा हुए अमेरिकी कॉलेज छात्र की मौत हो गई है. इनके ऊपर आरोप था कि उन्होंने नोर्थ कोरिया का प्रोपेगेंडा पोस्टर चोरी करने की कोशिश की थी. इसके लिए उन्हें 15 साल की सजा सुनाई गई थी.
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बता दें कि मंगलवार 13 जून को इन्हें रिहा किया गया था. बता दें कि यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जिनिया के छात्र को 17 महीने तक जेल में रखा गया और पिछले हफ्ते इलाज के लिए उत्तरी कोरिया से लाया गया था. इनकी उम्र 22 साल थी. और इनका नाम ऑटो वॉर्मवियर था. मौत की सूचना इनके परिवार के द्वारा दी गई. यूसी हेल्थ सिस्टम द्वारा जारी एक बयान में उसके परिवार ने कहा गया है, ‘दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है, कि हमारे बेटे ऑटो वॉर्मबियर की 2.20 बजे मौत हो गई.’ वह अपने घर पर पहुच चुका था जब उसकी मौत हुई थी.
छात्र के परिवार ने इलाज के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ सिनसनैटी मेडिकल सेंटर को धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण रूप से उत्तरी कोरिया के हाथों मेरे बेटे को जिस दर्दनाक व्यवहार से गुजरना पड़ा, उससे हम जो दुखद अनुभव का सामना कर रहे हैं, उसके सिवा कोई और नतीजा संभव नहीं हुआ.’ डॉक्टरों ने बताया कि जब वह लौटा तो वह ब्रेन डैमेज का शिकार था. इसका पता नहीं लग पाया कि यह कैसे हुआ. बता दें कि उत्तरी कोरिया वॉशिंगटन और दक्षिणी कोरिया पर अपनी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए जासूसों को भेजने का आरोप लगाता है.
ऑटो वॉर्मवियर के साथ कब क्या हुआ
30 दिसंबर 2015 – वॉर्मवियर टूर ग्रुप के साथ बीजिंग से प्योंगयांग की यात्र के लिए गए थे.
2 जनवरी 2016 – उसे प्योंगयांग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया है. उस महीने बाद में, उत्तर कोरिया ने घोषणा की कि यह एक “शत्रुतापूर्ण कृत्य” है.
16 मार्च 2016 – वॉर्मवियर के भपर प्योंगयांग में मुकदमा चला, जहां उन्होंने एक प्रचार पोस्टर चुराने की बात कबूल की. जहां उसे 15 साल की सजा सुनाई गई.
ऐसा बताया जा रहा है कि इसके तुरंत बाद एक कोमा में चले गए थे. जून 2017 – अमेरिकी अधिकारियों और श्री वॉर्मवियर के माता-पिता को उनकी स्थिति के बारे में बताया गया था.
19 जून 2017 – वार्मबियर की मौत हो गई.
तीन अमेरिकी अभी भी है जेल में
टिलरसन ने कहा कि राज्य विभाग अन्य तीन अमेरिकी नागरिकों की रिहाई के लिए उत्तरी कोरिया के साथ बात करने की कोशिश कर रहा है.
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1. किम हाक सोंग प्योंगयांग विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में काम करते थे. हालांकि मई महीने की शुरुआत में उन्हें दुश्मनों के लिए काम करने के आरोपों में जांच के लिए हिरासत में ले लिया गया.
2. टोनी किम, जो अपने कोरियाई नाम किम सोंग-डुक के नाम से भी जानें जाते है, को प्योंगयांग हवाई अड्डे से 22 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था. वह भी विश्वविद्यालय में पढ़ाया करते थे. इनके ऊपर उन सरकार के तख्तापलट के लिए आपराधिक कार्यों में शामिल होने का आरोप था.
3. दक्षिण कोरिया में जन्में अमेरिकी नागरिक किम दांग चुल को अप्रैल 2016 में जासूसी का दोषी ठहराए गया. उन्हें 10 साल की कैद ए बामुशक्कत की सजा सुनाई गई थी.