उत्तर प्रदेशराज्य

नोटबंदी के तुरंत बाद इस बैंक में हुआ 20 करोड़ का संदिग्ध लेन-देन

money-shimla_1480002343नोटबंदी के तत्काल बाद कूर्मांचल नगर सहकारी बैंक लिमिटेड की देहरादून स्थित शाखाओं में 20 करोड़ से करीब के संदिग्ध लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग को मिली है।
 
यह पैसा बचत और चालू खातों के अलावा लोन एकाउंट में जमा किया गया है। आयकर विभाग ने इस लेन-देन से जुड़ी बैंक की सभी शाखाओं को सम्मन जारी किए हैं, लेकिन बैंक प्रबंधन जानकारी देने से बच रहा है।

आशंका जताई जा रही है कि बैंक की शाखाओं में पुराने नोटों को बदलने में बड़ा खेल हुआ है।

विभिन्न शाखाओं में जमकर पुराने नोट ठिकाने लगाए

नोटबंदी के तत्काल बाद सहकारी बैंकों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद आरबीआई ने इनमें नोट बदलने, जमा करने या फिर निकालने पर पाबंदी लगा दी थी।
आरोप है कि इस बीच, कूर्मांचल नगर सहकारी बैंक लिमिटेड की देहरादून जिले की विभिन्न शाखाओं में जमकर पुराने नोट ठिकाने लगाए गए।

आयकर विभाग के डिप्टी कमिश्नर अजय कुमार सोनकर की ओर से इनकम टैक्स एक्ट की धारा-131 के तहत इन सभी शाखाओं को दिसंबर 2016 में सम्मन जारी किए गए, बावजूद इसके बैंक प्रबंधन सटीक जानकारी देने से बच रहा है।

आरबीआई के अलावा वित्त मंत्रालय के स्तर से भी की जा रही जांच

बैंक की ओर से भेजे गए ब्यौरे में कभी एकाउंट होल्डर का नाम भेज दिया गया, तो कभी उसके द्वारा जमा रकम, मगर पता गायब कर दिया गया।
बैंक के इस रवैये को देखते हुए बृहस्पतिवार को इंकम टैक्स के अधिकारी संबंधित बैंक शाखाओं में जाकर जम गए और उन्हें प्रत्येक दशा में ब्यौरा देने को कहा।

गौरतलब है कि प्रदेश के सहकारी बैंकों में नोटबंदी के मात्र पांच दिनों में 235 करोड़ रुपए की रकम पुराने नोटों की शक्ल में आने का मामला सामने आया था। इसकी जांच आरबीआई के अलावा वित्त मंत्रालय के स्तर से भी की जा रही है। वहीं आयकर विभाग भी सहकारी बैंकों पर शिकंजा कसे हुए है।

बेहद छोटे अक्षरों में बैंक दे रहे जानकारी

नोटबंदी के बाद सभी बैंकों में हुए लेन-देन की जानकारी आयकर विभाग तेजी से एकत्र कर रहा है। इस बीच, बैंक के अधिकारी आयकर विभाग को जानकारी तो दे रहे हैं लेकिन वह बहुत छोटे अक्षरों की हार्डकॉपी दे रहे हैं।
इसके उलट यदि यही ब्यौरा सीडी या पेन ड्राइव के जरिए साफ्ट कापी में दिया जाए, तो मिनटों में संदिग्ध लेन-देन पकड़े जा सकते हैं। इससे छानबीन करने में आयकर अफसरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

सूत्रों के मुताबिक कई बैंकों की ओर से दी जा रही आधी-अधूरी जानकारी भी आयकर विभाग के अधिकारियों के लिए मुसीबत बनी है।

 
 

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