लखनऊ

न्यायालय के आदेश का उल्लघंन करने पर समाजसेवी संदीप पाण्डेय गिरफ्तार!


लखनऊ : न्यायालय के आदेश का उल्लघंन करके सिटी मोन्टेसरी स्कूल के सामने धरना-प्रदर्शन करने पर समाजसेवी संदीप पाण्डेय को कल हुसैनगंज पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद शाम को उन्हें निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया। यह जानकारी सिटी मोन्टेसरी स्कूल के जन-सम्पर्क अधिकारी ऋषि खन्ना ने दी। श्री खन्ना ने बताया कि न्यायालय सिविल जज (सीडी) लखनऊ ने 20/08/2015 को सिटी मोन्टेसरी स्कूल बनाम सोसलिस्ट पार्टी (इण्डिया) तथा अन्य के वाद संख्या 1951/2015 में यह आदेश दिया है कि ‘‘प्रतिवादी वादी के विभिन्न स्कूलों में तथा उसके चारों तरफ 500 मीटर की परिधि में किसी प्रकार की अशान्ति उत्पन्न न करें।’’

इसके साथ ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सिटी मोन्टेसरी स्कूल बनाम स्टेट आॅफ यू.पी. के वाद संख्या 2088/2018 में यह आदेश दिया गया है कि ‘‘किसी भी शैक्षिक संस्थान के बाहर ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं की जायेगी जिसके कारण कानून एवं व्यवस्था बिगड़े और यदि ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो इसके लिए जिला प्रशासन तुरन्त आवश्यक कदम उठाये।’’ लेकिन संदीप पाण्डेय न तो न्यायालय के उपरोक्त दोनों आदेशों को मानने के लिए ही तैयार थे और न ही जिला प्रशासन द्वारा धरने के लिए निर्धारित स्थान पर धरना करने के लिए ही तैयार थे। इसके साथ ही उनके द्वारा धरना-प्रदर्शन करने के लिए जिला प्रशासन से कोई अनुमति भी नहीं ली गई थी। उनके इस धरना-प्रदर्शन से चारबाग से हुसैनगंज जाने वाली सड़क पर जब जाम लग गया और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति खराब होने लगी तो हार कर हुसैनगंज पुलिस ने उन्हें न्यायालय के आदेश का उल्लघंन करने के आरोप में हिरासत में ले लिया।

श्री खन्ना ने बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लघंन करते हुए कल सुबह लगभग 10 बजे से ही संदीप पाण्डेय सिटी मोन्टेसरी स्कूल के सामने धरना एवं प्रदर्शन कर रहें थे जिसके बाद आई पुलिस की टीम ने संदीप पाण्डेय को न्यायालय के आदेश का अनुपालन करने के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित धरना स्थल ‘इको गार्डन’ पर अपना धरना-प्रदर्शन करने को कहा लेकिन इसके लिए संदीप पाण्डेय तैयार नहीं हुए और उन्होंने बैनर-तख्ती के साथ अपना धरना-प्रदर्शन विद्यालय के गेट पर ही जारी रखा। श्री खन्ना ने कहा कि संदीप पाण्डेय को धरना एवं प्रदर्शन यदि करना है तो उन्हें इसके लिए पहले जिला प्रशासन से इसकी अनुमति लेनी चाहिए और फिर इसके लिए निर्धारित धरना स्थल ‘इको गार्डन’ पर अपना धरना-प्रदर्शन करना चाहिए न कि माननीय न्यायालयों के आदेश का उल्लघंन करते हुए विद्यालय के शैक्षिक वातावरण को खराब करना, जिसमें कारण हमारे बच्चों की शिक्षा में व्यवधान उत्पन्न होता है।

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