अद्धयात्म

पंचमी तिथि में वर्जित होता है यह काम

ganesh-1451381368पंचमी तिथि में समस्त शुभ, स्थिर व चंचल कार्य सिद्ध होते हैं। किन्तु कर्ज देना अच्छा नहीं होता है। 
 
षष्ठी तिथि में काठ की दातुन, यात्रा, उबटन तथा चित्रकारी का काम छोड़कर युद्ध, वास्तु, अलंकारादि व मांगलिक कार्य सिद्ध होते हैं। पर अभी धनु का मलमास चल रहा है। अत: शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। 
  
वैसे पंचमी तिथि में जन्मा जातक पूज्य, स्वाभिमानी, दीर्घायु, बड़ा बुद्धिमान, स्थिर, वीर, सत्यवादी तथा जितेन्द्रिय होता है।
 
मघा नक्षत्र में पैतृक कार्य, वृक्ष-बीजादि रोपण, तालाब, कुआं आदि खनन, विवाह व अन्य साहसिक कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं। इसी प्रकार पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में यथा-आवश्यक बन्धन, कठिन, क्रूर, कारीगरी, कपटता, युद्ध तथा चित्र सम्बन्धी कार्य सिद्ध होते हैं। 
 
मघा गण्डान्त मूल संज्ञक नक्षत्र भी है। अत: मघा नक्षत्र में जन्मे जातकों के संभावित अरिष्ट निवारण हेतु 27 दिन बाद जब मघा नक्षत्र की पुनरावृत्ति हो उस दिन नक्षत्र शान्ति करा लेना जातकों के हित में होगा। 
 
मघा नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्यत: धनवान, प्रसन्नचित्त, माता-पिता की सेवा करने वाला, चतुर, व्यवहारकुशल, व्यापार से लाभ प्राप्त करने वाला, योजनाकार, कामलोलुप, धन-धान्य, सेवक व वाहनादि से युक्त होता है। इनका भाग्योदय लगभग 25 वर्ष की आयु के बाद होता है।
 

Related Articles

Back to top button