पंजाब में 16 ‘आप’ नेताओं ने छोड़ी पार्टी, तानाशाही का आरोप
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। यहां 16 बड़े नेताओं ने पार्टी से एक साथ इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वाले इन नेताओं ने राज्य के सह-अध्यक्ष डॉ. बलबीर सिंह पर तानाशाही फैसले लेने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बलबीर सिंह के फैसलों से राज्य में पार्टी की लोकप्रियता कम हो रही है। इस्तीफा देने वालों में पांच जिला अध्यक्ष, छह क्षेत्रीय प्रभारी और दो महासचिव शामिल हैं।
पटियाला ग्रामीण सीट के उपाध्यक्ष और प्रभारी करनवीर सिंह तिवाना, महासचिव प्रदीप मल्होत्रा और मंजीत सिद्धू, जालंधर ग्रामीण जिला अध्यक्ष सरवन सिंह, मुक्तसर जिला प्रमुख जगदीप संधू, फाजिल्का जिला अध्यक्ष समरवीर सिद्धू, फिरोजपुर जिला अध्यक्ष मलकीत थींड, समाना हलका प्रभारी जगतार सिंह और चमकौर साहिब हलका चरणजीत सिंह सहित कई अन्य नेता शामिल हैं। तिवाना ने कहा कि राज्य के सह-अध्यक्ष बिना किसी नेता को भरोसे में लिए या किसी से सलाह मशविरा लिए बिना ही पार्टी के फैसले ले रहे हैं। उनके इन कदमों से पार्टी में विरोध पैदा हुआ है। पटियाला ग्रामीण जिला प्रमुख पद से ज्ञान सिंह मुंगो को हटाने के विरोध में पार्टी में ये सामूहिक इस्तीफे दिए गए हैं। मुंगो को बिना कोई कारण बताए हटा दिया गया। साफ छवि वाले ईमानदार मुंगो ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर सरपंच की थी। इसके बाद वे एडिशन एडवोकेट जनरल बने और हाल ही में नाभा बार एसोसिएशन के 18वीं बार अध्यक्ष बने हैं।
उन्होंने शिरोमणी अकाली दल और भाजपा के ज्वाइंट और कांग्रेस के उम्मीदवार को मात दी थी। उनकी वफादारी और काम करने की क्षमता पर सवाल ही नहीं उठाए जा सकते। जब बलबीर सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि मुझे इन इस्तीफों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इन नेताओं ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब मामलों के प्रभारी मनीष सिसोदिया को अपनी इस्तीफा भेजा है।