पुलिस ने अब तक कुणाल, इरशाद व शादाब की निशानदेही पर कुल 12 लग्जरी कारें बरामद की हैं। मामले में कुछ अन्य लोगों की भी तलाश की जा रही है। दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त रोमिल बानिया ने बताया कि कुणाल कार चोरी करने के बाद मुजफ्फरनगर में अशरफ और गाजियाबाद में शादाब को बेच देता था।
यह लोग तीन चरणों में चोरी को कार को ठिकाने लगाते थे। पहले चरण में कुणाल और इरशाद के अलावा इनके गुर्गे कार चोरी करते थे। दूसरे चरण में कार के पेपर का इंतजाम कर (टोटल लॉस कार के पेपर इंशोरेंस कंपनी से खरीदे जाते थे) उनका इंजन नंबर और चेसिस नंबर बदल दिया जाता था।
तीसरे चरण में इन कारों को देशभर के पुरानी कार डीलर्स को बेच दिया जाता था। डीलर्स इन कारों को भोले-भाले लोगों को बेच देते थे।
छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि कुणाल के खिलाफ दिल्ली व आसपास के थाने में कुल 62 मामले दर्ज है। हालांकि उसका दावा है कि उसने 800 से अधिक वारदात को अंजाम दिया है। कुणाल ने पुलिस से बचने के लिए 2012-13 में अपनी प्लास्टिक सर्जरी भी कराई थी।
बता दें कि 13 अक्तूबर को कालकाजी थाना पुलिस ने बंटी की तरह चोरी करने वाले सुपरचोर कुणाल व उसके साथ इरशाद को दबोचा था। कई मामलों में वह भगोड़ा भी है। पुलिस कुणाल व उसके साथ इरशाद से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।