पति ने पत्नी को संबंध बनाने पर किया मजबूर, तो कोर्ट पहुंच गई महिला
कानूनी जानकारों का कहना है कि यह घरेलू हिंसा का पहला ऐसा मामला है जिसमें एक महिला ने अपने पति पर बलात्कार के आरोप लगाए हैं। पुलिस जांच में पाया गया है कि जब शादी तय हुई थी तो महिला के परिवार को बताया गया था कि शख्स निजी बैंक में एक वरिष्ठ अधिकारी है। मगर बांसबेरिया स्थित अपने ससुराल पहुंचने पर महिला को पता चला कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसका पति एक छोटी कंपनी में कनिष्ठ कर्मचारी है। महिला का दावा है कि कुछ दिनों बाद उसने उस नौकरी पर भी जाना बंद कर दिया।
धोखा खाई हुई महिला ने पति को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया। जिसके बाद पति जबरन उसके साथ संबंध बनाता और उसके ससुरालवाले उसे यातनाएं देते। महिला का दावा है कि उसने अदालत का दरवाजा इसलिए खटखटाया है क्योंकि उसके पास कोई और चारा नहीं था। महिला के बयानों की जांच कर रहे एक अधिकारी ने कहा, ‘हम इस मामले के सभी पहलुओं को देख रहे हैं और कानूनी सहायता ले रहे हैं। हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहते।’
महिला अधिकार संगठन भारतीय दंड संहिता में संशोधन की मांग कर रही है ताकि वैवाहिक बलात्कार को कानून में शामिल किया जा सके। महिला संगठन स्वयं की संस्थापक-निदेशक अनुराधा कपूर ने कहा कि कानून में खामी की वजह से बहुत से वैवाहिक बलात्कार के मामले घरेलू हिंसा अधिनियम और दहेज निरोधक अधिनियम के तहत दर्ज कराए जाते हैं। मैत्रेयी संगठन की शाश्वती घोष ने संथि महिला के साहस की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, ‘लेकिन उस अपनी इस बहादुरी की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उसका परिवार शायद उसे स्वीकार न करे और उसे अपने बच्चे का पालन-पोषण सिंगल मदर के तौर पर करना पड़े।’