संयुक्त राष्ट्र। बालिका शिक्षा के लिए अभियान चलाने वाली पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई ने युवाओं का आह्वान किया कि वे दुनिया को बदलने का अभियान चलाएं। सत्रह साल की मलाला ने यह बात सोमवार को एक कार्यक्रम में कही जिसमें गरीबी से संघर्ष के संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी विकास लक्ष्य पूरे करने के लिए 500 कार्य दिवस का शुभारंभ किया गया। इन लक्ष्यों में यह सुनिश्चित करना शामिल है कि हर बच्चे को प्राथमिक स्कूली शिक्षा मिले। पाकिस्तानी किशोरी ने कहा कि उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की जिससे लड़कियों के लिए परिवर्तन आया। इन लड़कियों को पाकिस्तान की अशांत स्वात घाटी में स्कूल जाने की इजाजत नहीं थी। इस पर मलाला पर गोली चलाई गई थी। मलाला ने कहा, ‘‘आपके लिए मेरा संदेश यह है कि आप जिन मुद्दों का सामना कर रहे हैं उन्हें बुलंद करें और उजागर करें। पाकिस्तानी किशोरी ने कहा कि आप चाहे मशहूर हों या नहीं हों, चाहे किसी धनी विकसित देश में रह रहे हैं या किसी गरीब विकासशील देश में, अपने उपर भरोसा करें क्योंकि ‘‘हम सभी एक हैं।’’ मलाला ने कहा, ‘‘हम सभी के पास मेधा है और हम सभी खास हैं। अतरू बस अपनी कड़ी मेहनत जारी रखें, अपना अभियान जारी रखें। आप इस दुनिया के नेतृत्वकर्ता होने जा रहे हैं, आप इस दुनिया का भविष्य होने जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘और अगर आप अपना भविष्य उज्ज्वल देखना चाहते हैं और अगर आप हमारे भविष्य में विकास देखना चाहते हैं, और अगर आप हमारे रास्ते में पहले से पड़ी इतनी सारी दिक्कतें नहीं देखना चाहते, तो हमें बस इसी लम्हे कोशिश करना चाहिए और काम शुरू कर देना चाहिए।’’ मलाला के बगल में बैठे संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने मलाला की तारीफ की और कहा कि ‘‘हरेक फर्क ला सकता है,’’ यहां तक कि पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला भी ला सकता है जो महज एक बूंद पीने का पानी बचाता हो या जो बिजली का बल्ब बुझाता है। बान ने कहा, ‘‘अपने ऊपर गर्व करें.. इसके साथ ही वैश्विक नागरिक के रूप में जिम्मेदार हों। तभी हम इस दुनिया को बदल सकते हैं।’’ संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि अब भी 1.2 अरब लोग हैं जिन्हें पीने का साफ पानी मयस्सर नहीं है जबकि 1.4 अरब लोगों को बिजली नसीब नहीं है। इसके लिए वैश्विक कार्रवाई जरूरी है।