लखनऊ : गोमती नगर विवेकखंड तीन में केंद्रीय औषधीय एवं सगंध पौध संस्थान “सीमैप” से वैज्ञानिक पद के लिए इंटरव्यू देकर लौटी रिसर्च छात्रा शिखा गुप्ता (32) ने फांसी लगा ली। गुरुवार सुबह कमरे में दुपïट्टे से पंखे के सहारे उसका फंदे पर शव लटका मिला। छात्रा के पास से मिले सुसाइड नोट में “नो वन इज रिस्पांसिबल फॉर माय डेथ” लिखा है। गोमती नगर के सीओ “चक्रेश मिश्रा” के मुताबिक कानपुर के गोविंद नगर क्षेत्र स्थित निरंकारी चौराहे के पास रहने वाली शिखा गुप्ता पीएचडी और पोस्ट डाक्ट्रेट करने के बाद नौकरी के लिए प्रयासरत थी। गोमती नगर विवेकखंड तीन में किराए के मकान में रहते थी। उसके पिता श्रीकृष्ण गुप्ता एक निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। बुधवार को शिखा का फोन रिसीव न होने पर गुरुवार सुबह श्रीकृष्ण और उनके बेटे राबिन गोमती नगर पहुंचे। शिखा का दरवाजा न खुलने पर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और शव को फंदे से उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया। शिखा के पिता ने बताया कि शिखा “एनबीआरआइ” से केमिकल साइंस में पीएचडी कम्प्लीट करने के बाद पोस्ट डॉक्ट्रेट की भी पढ़ाई पूरी कर चुकी थी। बुधवार को सीमैप में वैज्ञानिक की नौकरी के लिए साक्षात्कार देने गई थी। यह बात शिखा ने दोपहर में मां श्यामा गुप्ता को बात बताई थी। शिखा ने हाल में ही अपना मकान भी चेंज किया था। 17 सितंबर को बेटी को इंटरव्यू देने के लिए हैदराबाद जाना था। आत्महत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है। श्रीकृष्ण गुप्ता, ने बताया कि उनकी बेटी हमेशा प्रथम श्रेणी में पास होती थी। पढ़ लिखकर वैज्ञानिक बनकर वह परिवार का सहारा बनना चाहती थी। उसकी मौत से सबके सपनों पर पानी फिर गया। परिवार में उसका भाई, एक बड़ी और एक छोटी बहन है।
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