टेलीविजन सीरियल ‘पहरेदार पिया की’ को बैन करने की मांग थमने का नाम नहीं ले रही। अब इस सीरियल को बैन करने के लिए एक एनजीओ ने पुलिस कमिश्नर दत्ता पडसलगीकर और सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी से शिकायत की है।
ये एनजीओ मुंबई का है जिसका नाम ‘जय हो फाउंडेशन’ है। इस एनजीओ के प्रेसिडेंट अफरोज मलिक और जनरल सेक्रेटरी आदिल खत्री ने इस मामले के ऊपर अपना कड़ा रुख जाहिर किया है।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि ‘पहरेदार पिया की’ सीरियल में 10 साल के लड़के को अपने से दोगुनी उम्र की लड़की का पीछा करते और उसकी मांग में सिंदूर भरते हुए दिखाया जा रहा है। ये सीरियल रात 8:30 बजे सोनी टीवी पर आता है जो कि फैमिली टाइम होता है। इस सीरियल से दर्शकों की मानसिकता प्रभावित होगी। हम सभी इस सीरियल पर बैन चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे ये सीरियल देखकर प्रभावित हों’।
उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि ‘पहरेदार पिया की’ सीरियल में 10 साल के लड़के को अपने से दोगुनी उम्र की लड़की का पीछा करते और उसकी मांग में सिंदूर भरते हुए दिखाया जा रहा है। ये सीरियल रात 8:30 बजे सोनी टीवी पर आता है जो कि फैमिली टाइम होता है। इस सीरियल से दर्शकों की मानसिकता प्रभावित होगी। हम सभी इस सीरियल पर बैन चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे ये सीरियल देखकर प्रभावित हों’।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमने ये शिकायत पास्को एक्ट 2012 के अंतर्गत की है। हमने ऐसा इसलिए किया ताकि सभी सीरियल निर्माताओं के लिए ये एक मिसाल बनें।
एक तरफ सरकार बाल विवाह और बच्चों के यौन उत्पीड़न को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए कई अभियान चला रही हैं तो वहीं हमें इस बात की हैरानी है कि आखिर सेंसर बोर्ड इस तरह के कंटेट को हरी झंडी कैसे दे सकती है।
हालांकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने बीसीसीसी से शो के खिलाफ तुरंत एक्शन लेने को कहा है। ‘पहरेदार पिया की’ सीरियल शो को लेकर लोगों में काफी गुस्सा है।
मानसी जैन नाम की एक लड़की ने change.org वेबसाइट पर शो को बैन करने के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका पर अभी तक लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग साइन कर चुके हैं। वहीं सोशल मीडिया पर भी इस सीरियल को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है।