पहले नाबालिग की जबरन शादी करवाई, अब अर्थदंड और हुक्का-पानी बंद
तब गेनाराम ने मना किया कि मेरी पुत्री अभी नाबालिग है, मैं इसकी शादी अभी नहीं क र पाऊं गा। दूसरे दिन 11 अप्रेल को इन पंचों ने एकराय होकर जबरदस्ती उसकी नाबालिग पुत्री की शादी करवा दी। शादी के बाद गेनाराम ने पुत्री को ससुराल भेजने से मना किया, फिर भी जबरदस्ती 12 अप्रेल को नाबालिग लड़की को वे बस्ताराम के घर सोनड़ी ले गए।
कुछ दिन बाद वह जैसे-तैसे कर बेटी को घर लाया। इसके बाद बेटी को बालिग होने से पूर्व ससुराल भेजने से इनकार करने पर 13 जनवरी 2016 को सभी जातीय पंच एकराय होकर उसकी ढाणी आए तथा दबाव डाला कि तुम चम्पा को ससुराल भेजने में आनाकानी नहीं करोगे। इस वाकये की सूचना उसने पुलिस को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इसके बाद 30 जनवरी को सभी पंचों ने उससे कहा कि समाज की बात नहीं मान रहे हो, इसलिए आपको समाज से बाहर किया जाता है। तुम समाज की जाजम से नीचे चले जाओ तथा 25 लाख रुपए दण्ड के रूप में तुम्हें देने पडेंग़े।
उसने आरोप लगाया है कि जातीय पंचों ने उसे डरा-धमकाकर उसकी नाबालिग पुत्री का विवाह करवाया। अब नाबालिग को ससुराल भेजने का मना करने पर समाज से भी बहिष्कृत कर दिया।